BHU-CHS में ई-लॉटरी से हुआ एडमिशन, कक्षा 6 तक की प्रवेश प्रक्रिया पूरी

 

CHS BHU Admission class 6 2025


काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए एलकेजी से लेकर कक्षा 6 तक की कक्षाओं में दाखिले के लिए ई-लॉटरी प्रक्रिया रविवार को संपन्न हुई। यह आयोजन विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय स्थित महामना सभागार में पारदर्शी तरीके से किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में अभिभावक भी मौजूद रहे।

कम्प्यूटर आधारित पारदर्शी प्रक्रिया

इस बार की ई-लॉटरी प्रक्रिया की जिम्मेदारी सेंट्रल हिंदू गर्ल्स स्कूल ने निभाई, जिसकी निगरानी प्राचार्य प्रो. मधु कुशवाहा और स्कूल बोर्ड की उपाध्यक्ष प्रो. सुषमा घिल्डियाल ने की। सांख्यिकी विभाग के प्रो. जीपी सिंह ने कम्प्यूटर आधारित रैंडम पद्धति से लॉटरी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न कराया।

किन कक्षाओं में हुए प्रवेश

इस लॉटरी प्रक्रिया के तहत कुल 364 सीटों पर छात्रों का चयन हुआ। बाल वाटिका-2 (एलकेजी) में 120 सीटें, बाल वाटिका-3 (नर्सरी) में 40 सीटें, कक्षा एक में 40 सीटें और कक्षा छह में सेंट्रल हिंदू बॉयज स्कूल में 90 व गर्ल्स स्कूल में 74 सीटों पर दाखिला मिला।

क्यों होती है BHU स्कूल्स की इतनी मांग

BHU के स्कूलों में कम फीस में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलने के कारण हर वर्ष यहां दाखिले के लिए हजारों आवेदन आते हैं, लेकिन सीमित सीटों की वजह से हर बार कई अभिभावकों को मायूसी हाथ लगती है। इस वर्ष भी प्रवेश के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आए थे।

अगला चरण: कक्षा 9 और 11 की प्रवेश परीक्षा

BHU के सेंट्रल हिंदू बॉयज और गर्ल्स स्कूल में कक्षा 9 और 11 के लिए प्रवेश परीक्षा 7 से 11 मई के बीच आयोजित की जाएगी। 19 मई को प्रोविजनल आंसर की और 25 मई को फाइनल आंसर की जारी की जाएगी। प्रवेश परीक्षा का परिणाम 5 जून को घोषित किया जाएगा, जिसके बाद 23 जून से 2 जुलाई तक काउंसलिंग की जाएगी।

 पेड सीट और बाहरी छात्रों के लिए आरक्षण

11वीं में कुल 40 पेड सीटें उपलब्ध होंगी, जिसमें गणित, जीवविज्ञान, कॉमर्स और आर्ट्स वर्ग के लिए स्थान निर्धारित हैं। साथ ही 50 सीटें बीएचयू स्टाफ के बाहर के छात्रों के लिए आरक्षित की गई हैं। एडमिशन से संबंधित सभी जानकारी bhuonline.in पोर्टल पर उपलब्ध है।

ई-लॉटरी प्रक्रिया बनी मिसाल

लॉटरी प्रक्रिया को पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ आयोजित करने के लिए ई-लॉटरी कमेटी के प्रो. एस. श्रीकृष्णा, प्रो. राकेश रमण, प्रो. रजनीश कुमार सिंह, डॉ. आनंद कुमार जैन सहित अन्य सदस्यों ने विशेष योगदान दिया। यह प्रक्रिया एक उदाहरण बन गई है कि तकनीक के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था को कैसे पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सकता है।


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