BHU Diaries: साहित्यकुंभ में दिखा 'मस्तमौला' का जलवा, हिंदी-अंग्रेजी साहित्य की भी सजी महफिल

Sahitya Kumbh showcases 'Mastmaula', celebrates Hindi-English literature BHU


बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) का कला संकाय इन दिनों साहित्य के रंग में डूबा हुआ है। कला संकाय के साहित्य क्लब इंकवेल द्वारा आयोजित 'साहित्यकुंभ' में छात्रों और साहित्य प्रेमियों का उत्साह देखते ही बन रहा है। इस साहित्यिक समागम में रंगमंच सोसायटी रंगशाला ने तौकीर खान के निर्देशन में अपने चर्चित नाटक "मस्तमौला" का शानदार मंचन किया, जिसने दर्शकों को खूब हंसाया और सोचने पर मजबूर कर दिया।

'मस्तमौला' ने बांधा समां

"मस्तमौला" नाटक ने अपने बेहतरीन अभिनय और दमदार कहानी से सभी का दिल जीत लिया। नाटक में कलाकारों ने अपने किरदारों को जीवंत कर दिया, जिससे दर्शक कहानी से पूरी तरह जुड़ गए। नाटक के संवाद और प्रस्तुति इतनी सहज थी कि हर कोई इसे आसानी से समझ सका और खूब आनंदित हुआ।

साहित्य की भी हुई जोरदार प्रतिस्पर्धा

साहित्यकुंभ सिर्फ नाटक तक ही सीमित नहीं था। इस दौरान हिंदी और अंग्रेजी साहित्य की विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं, जिनमें छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कविता पाठ, कहानी लेखन और वाद-विवाद जैसी प्रतियोगिताओं में युवाओं ने अपनी साहित्यिक प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। इन प्रतियोगिताओं ने छात्रों को अपनी रचनात्मकता को मंच देने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान किया।


दिग्गजों ने बढ़ाया उत्साह

कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए नागरी-प्रचारणी सभा, वाराणसी, के प्रधानमंत्री व्योमेश शुक्ल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने अपने विचारों से छात्रों को प्रेरित किया और साहित्य के महत्व पर प्रकाश डाला। वहीं, भारत कला भवन के निदेशक प्रो श्रीरूप रॉय चौधरी विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे और उन्होंने कला एवं साहित्य के संबंध पर अपने মূল্যবান विचार साझा किए।

कुल मिलाकर, साहित्यकुंभ BHU के कला संकाय में एक ऐसा साहित्यिक उत्सव बनकर उभरा, जिसने छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने और साहित्य के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करने का एक शानदार मंच प्रदान किया। इस तरह के आयोजन विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल को और भी जीवंत बनाते हैं और छात्रों को नए अनुभवों से जुड़ने का अवसर देते हैं।

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