ना खेती की, ना किसानी की ये सत्ता है अम्बानी-अडानी की के नारों के साथ BHU के छात्रों ने किसानों के समर्थन में लंका गेट पर प्रदर्शन किया

किसानों के समर्थन में लंका गेट पर प्रदर्शन किया गया।

आज दिनांक 14 दिसम्बर को जॉइंट एक्शन कमेटी द्वारा नए तीन कृषि कानून के विरोध में तथा किसानों के समर्थन में बीएचयू लंका गेट पर प्रदर्शन किया गया। 

     वक्ताओं द्वारा प्रदर्शन स्थल पर कहा गया कि यह तीनों कानून किसान विरोधी है। मोदी सरकार द्वारा खेती किसानी में अडानी-अम्बानी को घुसाने का यह कानून, निंदनीय प्रयास है। इस कानून से केवल किसानों का ही नहीं बल्कि आमजनों का भी शोषण होगा। प्राइवेट मंडी को मोदी सरकार बढ़ावा दे रही जो किसानों की फसल को बिना MSP के गारंटी के खरीदेंगे।

      किसानों की पहले ही अनेक समस्याएं थीं जिन्हें लेकर लगातार किसान आंदोलन करते रहे हैं। यह कानून किसानों के समस्याओं को और बढ़ा रहा है। आवश्यक वस्तुओं के भंडारण में छूट देकर मोदी सरकार पूंजीपतियों की मदद कर रही जो बड़े मुनाफे पर वस्तुओं को बेचेंगे। यह न सिर्फ किसानों के लिए परेशानी है बल्कि आम जन भी इस महंगाई से प्रभावित होगा। मोदी सरकार किसान के हितों को नज़रन्दाज़ करते हुए पूंजीपतियों की मदद कर 
रही है। 
       पूर्वांचल के किसान छोटी जोत के किसान जो सब्जी का उत्पादन करते हैं, छुट्टा पशुओं से बुरी तरह से परेशान हैं। बनारस आसपास के छोटी उपज के किसान क्या जाने बड़ी मंडी , कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग और एमएसपी जैसे बाबुशाही टर्मिनोलॉजी के शब्द। इन्हें तो बस छुट्टा पशुओं से निजात मिले, बिजली, पानी, खाद की आपूर्ति ठीक हो जाए,  कृषि सम्बंधित उपकरण सब्सिडी के साथ बेहतर छूट के साथ उपलब्ध हो जाए तो कुछ सूरत बदले। ब्लॉक, तहसील स्तर पर सरकार के सहयोग से स्टोर करने और विक्रय करने की सुविधा दी जाए और स्थानीय ग्राहक तक सीधी पँहुच के अवसर उपलब्ध कराए जाएं। पूर्वांचल के किसानों की मांग है कि सब्जी को भी MSP व्यवस्था में लाया जाए।
  
सभा स्थल पर सर्वसम्मति से सात सूत्रीय मांग किया गया-

1-गेहूं,धान के साथ साथ सब्जी फल आदि की भी न्यूनतम खरीद मूल्य तय हो इससे कम खरीद करने वाले पर मुकदमा कायम किया जाए।
2- किसान हित विरोधी कृषि कानूनों को वापस लिया जाए।
3-छुट्टा पशु की परेशानी से निजात मिले।
4-बीज, खाद, कृषि उपकरण, पानी और बिजली के बढ़े हुए दाम वापस लिए जाएं, और इन्हें समुचित सब्सिडी पर किसानों को उपलब्ध कराया जाए।
5-कृषि को कोआपरेटिव मॉडल से जोड़ा जाए।
6-अधिया लगान पर या किराए की खेती करने वाले को भी किसान का दर्जा मिले।
7-छोटे व लघु किसानी से मनरेगा को जोड़ा जाए।

सभा स्थल पर मुख्य रूप से दीपक , ओम शुक्ला, रजत, धनंजय, विवेक कुमार सिंह, नीरज, राज, मुरारी, विवेक मिश्र,अंकित चौबे, ऋषभ, आर्य भारत, ज़ियाउल हक़, मुकेश कुमार, अतुल,  रोहित, शिवम,आशुतोष, साक्षी, हर्षिका, सानिया, रितेश,नितेश सिंह यादव ,आकाश सिंह, विवेक कुमार आदि प्रमुख लोग मौजूद थे। 

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