बीएचयू के इस लाल ने खोज निकाला एलियन जीवन का 'संकेत' IIT BHU के पूर्व छात्र डॉ. निक्कू मधुसूदन, जिन्होंने अंतरिक्ष में रचा इतिहास!

Dr. Nikku Madhusudhan: IIT (BHU) alumnus, Professor of Astrophysics at the University of Cambridge.


IIT BHU के पूर्व छात्र डॉ. निक्कू मधुसूदन, जिन्होंने अंतरिक्ष में रचा इतिहास! जानें उनकी बीएचयू की यादें और सफलता की कहानी।

काशी की गलियों से सितारों तक: आईआईटी बीएचयू के लाल, डॉ. निक्कू मधुसूदन

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू)... सिर्फ एक विश्वविद्यालय नहीं, बल्कि एक एहसास है, एक परंपरा है। इस मिट्टी ने अनगिनत प्रतिभाओं को जन्म दिया है, जिन्होंने देश और दुनिया में अपना नाम रोशन किया है। ऐसी ही एक शख्सियत हैं डॉ. निक्कू मधुसूदन, जिन्होंने खगोल भौतिकी के क्षेत्र में अपनी असाधारण खोजों से दुनिया को चकित कर दिया है। और हाँ, उनकी इस शानदार यात्रा की नींव कहीं और नहीं, बल्कि हमारे अपने आईआईटी (बीएचयू), वाराणसी में पड़ी थी।

इंजीनियरिंग के गलियारों से ब्रह्मांड के रहस्यों तक का सफर
डॉ. मधुसूदन का नाता बीएचयू से तब जुड़ा, जब उन्होंने प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू), जो अब आईआईटी (बीएचयू) के नाम से जाना जाता है, में दाखिला लिया। यहाँ उन्होंने इंजीनियरिंग की बारीकियों को सीखा, अपनी analytical skills को धार दी। शायद उस समय किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि यह युवा एक दिन ब्रह्मांड के सबसे गहरे रहस्यों को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

बीएचयू की वो यादें, जो आज भी हैं ताज़ा

भले ही डॉ. मधुसूदन आज कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं और दुनिया भर के वैज्ञानिक समुदाय में सम्मानित हैं, लेकिन उनके दिल में बीएचयू की यादें आज भी ताज़ा हैं। आईआईटी (बीएचयू) के दिनों के उनके दोस्त, क्लासरूम की चर्चाएं, कैंटीन के अड्डे - ये सब उनकी शुरुआती यात्रा का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। यह संस्थान सिर्फ एक शिक्षा का केंद्र नहीं था, बल्कि एक ऐसा मंच था जिसने उनके सपनों को उड़ान भरने के लिए पंख दिए।

जब बीएचयू के इस लाल ने खोजा एलियन जीवन का 'संकेत'
हाल ही में, डॉ. मधुसूदन और उनकी टीम ने एक ऐसे एक्सोप्लैनेट (सौरमंडल के बाहर का ग्रह) के वायुमंडल में एक अणु की खोज की है, जिसे पृथ्वी पर जीवन का एक उपोत्पाद माना जाता है। इस खोज ने एलियन जीवन की संभावनाओं को एक नई दिशा दी है और पूरी दुनिया के वैज्ञानिक समुदाय में हलचल मचा दी है। और इस महत्वपूर्ण खोज के पीछे वह शख्स है जिसने कभी बीएचयू के गलियारों में ज्ञान की तलाश की थी।

बीएचयू का गौरव, देश का अभिमान

डॉ. निक्कू मधुसूदन की कहानी हर उस छात्र के लिए प्रेरणा है जो छोटे शहरों और कस्बों से निकलकर बड़े सपने देखता है। यह कहानी हमें याद दिलाती है कि प्रतिभा किसी विशेष स्थान या पृष्ठभूमि की मोहताज नहीं होती। अगर लगन और समर्पण हो, तो काशी की गलियों से निकलकर भी सितारों तक का सफर तय किया जा सकता है। बीएचयू हमेशा से ही ऐसी प्रतिभाओं की खान रहा है और डॉ. मधुसूदन उस गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। हम सब बीएचयू वासी उनके इस असाधारण उपलब्धि पर गर्व करते हैं!

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