संविधान के निर्माता को सलाम": बीएचयू में मनाई गई डॉ. अंबेडकर जयंती ,छात्रवृत्ति की घोषणा: मेधावियों को मिलेगा 10,000 रुपये

Blood donation camp on Ambedkar jayanti BHU swatantrata Bhavan


काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के स्वतंत्रता भवन में सोमवार को भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर रक्तदान शिविर, राष्ट्रीय संगोष्ठी और कवि सम्मेलन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कुलगुरु और कार्यवाहक कुलपति प्रो. संजय कुमार ने कार्यक्रम की शुरुआत की और बाबासाहेब के विचारों को आज के समय में प्रासंगिक बताया।  

रक्तदान शिविर: छात्रों और शिक्षकों ने दिखाई सामाजिक जिम्मेदारी

कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 10 बजे रक्तदान शिविर से हुई। विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में रक्तदान कर समाज सेवा का संदेश दिया। प्रो. संजय कुमार ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, "बाबासाहेब के विचारों को जीवन में उतारने का यह एक बेहतरीन तरीका है।"  


संगोष्ठी: अंबेडकर के विचारों पर हुई गहन चर्चा

"भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर का न्याय, बंधुत्व और समता में योगदान" विषय पर आयोजित संगोष्ठी में देश-विदेश के विद्वानों ने हिस्सा लिया। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. आर.एस. कुरील ने कहा, "आज के दौर में अंबेडकर के विचार और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गए हैं।" वहीं, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रो. एस.के. चाहल ने समाज में समानता की अवधारणा पर सवाल उठाए।  

छात्रवृत्ति की घोषणा: मेधावियों को मिलेगा 10,000 रुपये

अर्हत फाउंडेशन ने चार छात्रवृत्तियों की घोषणा की, जिनमें प्रत्येक छात्र को 10,000 रुपये मिलेंगे। यह छात्रवृत्ति एक विशेष परीक्षा के आधार पर दी जाएगी। इस पहल का उद्देश्य मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करना है।  

कवि सम्मेलन: शब्दों ने बांधा समां

कार्यक्रम का सबसे रोचक हिस्सा था "बाबासाहेब के नाम कवि सम्मेलन"। डॉ. सुरेश अकेला, डॉ. बिहाग वैभव, निज़ाम बनारसी और डॉ. पूजा यादव जैसे कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवियों ने समाज में व्याप्त असमानता और जातिगत भेदभाव पर तीखे प्रहार किए।  

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