बीएचयू में सब ठीक नहीं! छात्रों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, बताईं समस्याएं।

Letter from BHU student union to Prime Minister Narendra Modi regarding university issues


बीएचयू में मची खलबली! छात्रों ने सीधे पीएम मोदी को सुनाई अपनी पीड़ा

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), जिसे लोग उसके शैक्षणिक गौरव और शोध के लिए जानते हैं, इन दिनों सुर्खियों में है। लेकिन इस बार वजह कोई गौरव गाथा नहीं, बल्कि छात्रों की गहरी चिंताएं हैं। छात्रसंघ संघर्ष समिति के सदस्यों ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विश्वविद्यालय की बिगड़ती स्थिति से अवगत कराया है। इस पत्र ने बीएचयू के अंदरखाने चल रही समस्याओं की ओर सबका ध्यान खींचा है।

शैक्षणिक माहौल बिगड़ा, पीएचडी में पारदर्शिता गायब?

छात्रों ने अपने पत्र में बीएचयू के शैक्षणिक वातावरण पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय में लगातार शैक्षणिक माहौल खराब हो रहा है, जिसका सीधा असर पढ़ाई-लिखाई पर पड़ रहा है। इसके साथ ही, पीएचडी में दाखिले की प्रक्रिया को लेकर भी छात्रों ने अपारदर्शिता का आरोप लगाया है। उनका मानना है कि दाखिले की प्रक्रिया में स्पष्टता की कमी के कारण योग्य छात्रों को परेशानी हो रही है।

जातीय तनाव और सामाजिक सौहार्द पर खतरा

चिंता की एक और बड़ी वजह विश्वविद्यालय में बढ़ता हुआ जातीय तनाव है। छात्रों ने पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि बीएचयू में जातीय उन्माद की स्थिति पैदा हो रही है, जिससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ रहा है। एक ऐसे संस्थान में जहाँ देश भर के छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते हैं, इस तरह का माहौल निश्चित रूप से चिंताजनक है।

और सबसे बड़ी समस्या: कुलपति का न होना

छात्रों ने अपनी समस्याओं का एक बड़ा कारण विश्वविद्यालय में स्थायी कुलपति का न होना बताया है। उनका मानना है कि कुलपति के अभाव के कारण विश्वविद्यालय में सही तरीके से कामकाज नहीं हो पा रहा है और यही वजह है कि कई समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।

पीएम मोदी से उम्मीद: छात्रों ने लगाई न्याय की गुहार

अभिषेक कुमार सिंह, डॉ. पुष्पेंद्र सिंह, डॉ. अवनींद्र राय, मृत्युंजय तिवारी, अभय सिंह, हर्ष त्रिपाठी, सत्यम राय, एलन शर्मा, मनीष राय और कुणाल गुप्ता जैसे छात्रों ने मिलकर प्रधानमंत्री को यह पत्र लिखा है। इसके माध्यम से उन्होंने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री उनकी समस्याओं को समझेंगे और विश्वविद्यालय में जल्द ही सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कदम उठाएंगे।

यह पत्र बीएचयू के छात्रों की आवाज है, जो अपने प्रिय संस्थान की बिगड़ती हालत को देखकर चिंतित हैं। अब देखना यह है कि उनकी इस गुहार पर सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन क्या कदम उठाते हैं। बीएचयू डायरीज आगे भी इस मुद्दे पर अपनी नज़र बनाए रखेगा।

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