BHU में सरस्वती पूजा के लिए 18 लाख रुपया ; विश्वनाथ मंदिर पर वसूली के विरोध में दुकानदारों ने बंद की दुकानें।जानिए क्या है पूरा मामला।


BHU में सरस्वती पूजा के लिए 18 लाख रुपया ; विश्वनाथ मंदिर पर वसूली के विरोध में दुकानदारों ने बंद की दुकानें। जानिए क्या है पूरा मामला।

बीएचयू के विश्वनाथ मंदिर स्थित दुकानें सहित कैंपस के अन्य सभी दुकानों के शटर आज शनिवार दोपहर को धड़ाधड़ बंद हो गए। दुकानदार आक्रोशित दिखे। कारण पूछने पर दुकानदारों ने बताया की हॉस्टल के छात्र सरस्वती पूजा के नाम पर 10 से 50 हजार रूपये तक का गुंडई के दम पर वसूली कर रहे है।

क्या कहना है दुकानदारों का:- 

कैंपस में स्थित सभी छोटी बड़ी दुकानों के दुकानदारों ने बताया कि चंदा के नाम पर दस से पचास हजार रूपये तक की एक मोटी रकम एकसाथ वसूली जा रही है। इतनी मोटी रकम ना दे पाने पर छात्र मारपीट करने की धमकी दे रहे। तथा दबाव बना रहे। इसको लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन से शिकायत की गई है लेकिन अभी तक कोई कारवाई नही की गई है। कैंपस के दुकानदार अवैध वसूली करने वाले हॉस्टल के छात्रों और विश्वविद्यालय प्रशासन के रवैए से आक्रोशित दिखे। और लगातार दूसरे दिन भी अपनी दुकानें बंद रखी।


 'खाकर पैसा नहीं देते कुछ मनबढ़ छात्र' :-

दुकानदारों ने बताया की एक तो यहां उतनी आमदनी भी नही है जितना की छात्र वसूल करने लगते है। ऐसे में इतना चंदा कहा से दे पाएंगे? ऊपर से विश्वविद्यालय प्रशासन ने सुरक्षा का जो भरोसा दिलाया था वो भी नही मिल रहा। यहां कोई भी आयोजन होता है तो हॉस्टल वाले छात्र बदसलूकी करते हुए चंदा वसूलने आ जाते है। बहुत से ऐसे मनबढ़ छात्र है जो  खाकर पैसा भी नहीं देते।


प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने स्वीकारा :-

हॉस्टलर्स द्वारा जबरी चंदा वसूली के मामले पर चीफ प्रॉक्टर शिवप्रकाश सिंह ने बताया की कल शाम को दुकानदारों द्वारा कुछ छात्रों द्वारा जबरदस्ती चंदा वसूलने की बात सामने आई थी जिसको बातचीत के माध्यम से शांत करा दिया गया था।
विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारियों का कहना है की इस मामले पर एक मीटिंग बुलाई गई है और निर्णय लिया गया है की जबरदस्ती चंदा वसूली करने वालों के खिलाफ कठोर से कठोर कारवाई की जाएगी।


बीएचयू में सरस्वती पूजा का बजट है 18 लाख रुपए:-

बीएचयू में सरस्वती पूजा बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है हर एक संकाय से झांकी भी निकाली जाती है। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन 18 लाख रुपए का बजट जारी किया है। तथा हर एक हॉस्टल के चीफ वार्डन को ₹7000 दिए गए हैं।

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