BHU खोलेगा सभी जातियों का राज ; जानिए BHU के किस फैकल्टी में स्थापित हुआ उत्तर भारत का पहला DNA बैंक।महामारियों के प्रभाव का भी होगा अध्ययन।



BHU खोलेगा सभी जातियों का राज ; जानिए BHU के किस फैकल्टी में स्थापित हुआ उत्तर भारत का पहला DNA बैंक। महामारियों के प्रभाव का भी होगा अध्ययन।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में उत्तर भारत का पहला डीएनए बैंक लगाया जा रहा है। इस तरह काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एक अलग मुकाम हासिल कर लेगा। यहां पर ऑटोमेटेड डीएनए एक्सट्रैक्टर मशीन इंस्टॉल कर दी गई है। यह मशीन मनुष्य के किसी भी शारीरिक हिस्से से जैसे बाल, त्वचा, नाखून ,खून ,हड्डी ,टिश्यू इत्यादि किसी भी चीज से मनुष्य का डीएनए पता कर लेगी। जो भविष्य में जेनेटिक स्टडी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होगा।


DNA मशीन लगाने का क्या है उद्देश्य :-


काशी हिंदू विश्वविद्यालय में DNA मशीन स्थापित करने का मूल उद्देश्य मनुष्य पर पड़ने वाले महामारियों के प्रभाव को समझना होगा। जिसके लिए मनुष्य का DNA महत्वपूर्ण होता है। साथ ही तमाम जेनेटिक बीमारियों का भी अध्ययन करने में सफलता हासिल होगी।


BHU के किस फैकल्टी में खुला DNA Bank :-

मनुष्य के उपर महामारियों के प्रभाव का अध्ययन करने हेतु स्थापित किए जा रहे DNA bank BHU के zoology department में स्थापित किया गया है। इस DNA Bank मशीन को मेक इन इंडिया के तहत पूर्णतया स्वदेशी तरीके से बनाया गया है। यह जानकारी इस मशीन को लगाने वाले बेंगलुरु के डॉक्टर राघव और हिमानी ने बताया। डॉ राघव और हिमानी ने आगे बताया कि यह मशीन इस तरीके से बनाई गई है जिसमें कम से कम प्लास्टिक का प्रयोग हो ताकि पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचे।


उत्तर भारत की जातियों के सैंपल्स जुटाए जाएंगे:-

इसके साथ ही 50 हजार डीएनए सैंपल भी जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए उत्तर भारत के जातियों और जनजातियों का सैंपल कलेक्ट किया जायेगा। जिसमे लगभग 5 वर्ष का समय लग सकता है। उत्तर भारत की तमाम जातियों और जनजातियों का डीएनए सैंपल कलेक्ट करने का एक उद्देश्य यह भी है की इनका डेटा जारी किया जा सके।

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