बीएचयू में अब चार साल का होगा ग्रेजुएशन (UG)। UG के बाद सीधे कर पाएंगे PHD पाठ्यक्रम में भी होगा बदलाव।


बीएचयू में अब चार साल का होगा ग्रेजुएशन (UG)।
UG के बाद सीधे कर पाएंगे PHD पाठ्यक्रम में भी होगा बदलाव।

बीएचयू ने 2024 में नए शैक्षणिक सत्र से चार साल का यूजी (स्नातक) पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति प्रदान कर दी। बीएचयू कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में विश्वविद्यालय की new education policy के क्रियान्वयन समिति के सुझाव को सर्वसम्मति से लागू कर दिया।

बीएचयू के सभी फैकल्टी के डीन महोदयो और विभाग के विभागाध्यक्षों से इस संबंध में तीन सप्ताह में सुझाव मांगे गए हैं। 


कब तक जारी होगा नया सिलेबस:-

विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी विभागों को नई शिक्षा नीति (NEP ) पर आधारित विस्तृत सिलेबस 15 अप्रैल तक बनाने के निर्देश दिए गए हैं। बीएचयू के सेंट्रल ऑफिस स्थित समिति कक्ष में हुई बैठक में एनईपी क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष प्रो. मुकुलराज मेहता ने समिति की सिफारिशों की जानकारी दी। काफी गहमागहमी के बाद तय हुआ कि शैक्षणिक सत्र-2024 से बीएचयू में चार वर्षीय यूजी पाठ्यक्रम शुरू कर दिए जाएंगे। विभागों में सामंजस्य बैठाने के साथ ही एनईपी के क्रियान्वयन की देखरेख के लिए सेल का गठन किया गया। इसमें प्रो. मुकुलराज मेहता और प्रो. बीपी मंडल शामिल हैं।


UG के बाद कर सकेंगे सीधे PhD:-


नये सुधार के बाद आपको ug के बाद pg करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। NEP नियमो के तहत 7.5 सीजीपीए से ज्यादा अंक वाले 10 फीसदी विद्यार्थियों को यूजी ऑनर्स के साथ रिसर्च की अनुमति मिलेगी। पहले जहां 3 वर्ष के पाठ्यक्रम में 6 सेमेस्टर होता था अब वही 4 वर्ष के पाठ्यक्रम में 8 सेमेस्टर होंगे।

बीच में पढ़ाई छोड़ने का नही होगा अब मलाल:-

पहले बीच में पढ़ाई छोड़ देने के बाद कोई डिग्री या सर्टिफिकेट नही मिलता था लेकिन NEP के तहत विद्यार्थियों को पहले, दूसरे और तीसरे सेमेस्टर के दौरान गर्मियों को 2 क्रेडिट का इंटर्नशिप प्रोग्राम भी करना होगा। पढ़ाई बीच में छोड़ने पर पूरे क्रेडिट के अनुसार सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री दी जाएगी। बीएचयू में पुनः प्रवेश यूजीसी के नियमों के अनुसार लिया जाएगा।

सभी संस्थानों/संकायो को दिया गया निर्देश :-

बैठक के दौरान सभी संकाय और विभागों को शिक्षकों की बैठक कर विषयों की सूची बनाने के निर्देश दिए गए हैं। तीन सप्ताह में मेजर और माइनर विषय तय कर उन्हें प्रो. मुकुलराज मेहता को देने को कहा गया है। इन विषयों का सिलेबस भी 15 अप्रैल से पहले पूरा करने को कहा गया है। बैठक में सभी संस्थानों के निदेशक, संकायाध्यक्ष, एनईपी क्रियान्वयन समिति के चेयरमैन और सदस्य, रजिस्ट्रार, वित्ताधिकारी और परीक्षा नियंता मौजूद थे।

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