BHU की गोल्ड मेडलिस्ट छात्रा को हुई जेल और जुर्माने की सजा।
हाल ही में मीडिया एवम् टेलीविजन में एक खबर आई कि मध्य प्रदेश में PMT घोटाले में CBI की विशेष कोर्ट ने मामले में सॉल्वर बीएचयू की गोल्ड मेडलिस्ट डॉ स्वाति सिंह और प्रियंका श्रीवास्तव को दोषी माना है और दोनों आरोपियों को तीन साल की जेल की सजा भी सुनाई है। इसके साथ ही जुर्माना भी लगाया है। जबकि कोर्ट ने इस मामले में शामिल अरोपी शैलेन्द्र निरंजन, विशाल यादव और उमेश बघेल को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
किस आधार पर सुनाई गई सजा:-
मेडिकल में आगे की पढ़ाई के लिए तथा डॉक्टर बनने की अनिवार्य योग्यता हासिल करने के लिए PMT अर्थात pre medical test का एक परीक्षा पास करना होता है। ऐसा ही एक आयोजन मध्य प्रदेश सरकार ने आयोजित करवाया था।
जिसमे घोटाला हो गया। मध्य प्रदेश के PMT टेस्ट घोटाले में CBI की विशेष कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया । कोर्ट ने मामले की आरोपी दो महिलाओं को जिसमे एक बीएचयू की गोल्ड मेडलिस्ट स्वाति सिंह है। स्वाति सिंह और इनके एक और फ्रॉड साथी को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है, साथ ही जुर्माना भी लगाया है।इनमें से एक महिला पर अपनी जगह किसी और को परीक्षा में बैठाने का आरोप लगा था।जबकि दूसरी महिला अर्थात स्वाति सिंह PMT टेस्ट मे आए प्रश्न पत्र की सॉल्वर थी।
क्या है पूरा मामला क्या ?:-
PMT फ्रॉड से जुड़ा यह मामला मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले (Vyapam Scam) से जुड़ा हुआ है। मध्यप्रदेश ग्वालियर में वर्ष 2015 में एक शिकायत दर्ज कराई गई। जिसमें यह बताया गया कि 2010 में विशाल यादव ने अपनी पत्नी प्रियंका श्रीवास्तव को फर्जी तरीके से मेडिकल की प्रवेश परीक्षा में पास करवाया है।
मामला CBI जांच तक पहुंचा।अब जब व्यापम घोटाले की जांच CBI कर रही थी, जांच के दौरान शैलेंद्र निरंजन नाम के शख्स की गिरफ्तारी हुई। पूछताछ में निरंजन ने बताया कि इस काम के लिए उसे 6 लाख रुपए मिले थे। इस केस में बाद में एक और आरोपी का नाम सामने आया- विजय सक्सेना।
जांच में पता चला कि शैलेंद्र निरंजन और विजय सक्सेना ने प्रियंका को पास कराने की जिम्मेदारी ली थी और एग्जाम में प्रियंका के स्थान पर स्वाति सिंह को बैठाया गया। ये वही स्वाति सिंह है जो बीएचयू से गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी है।
हालाकि इस मामले में अन्य कई आरोपियों के नाम सामने आए जिसमे इस पूरी घटना में सहयोगी के रूप में उमेश बघेल की भी गिरफ्तारी की गई थी। कुल छह आरोपियों में से शैलेंद्र निरंजन, विशाल यादव और उमेश बघेल डेढ़ साल से जेल की सजा काट रहे थे। जबकि छठे आरोपी विजय सक्सेना की मृत्यु हो चुकी है।
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