जानिए BHU में पांच ऐसे जगह, जहां लड़के-लड़कियां करते है खुल्लम खुल्ला प्यार।


BHU प्रेम कहानियों का एक अथाह समुंदर है, 
जानिए BHU में पांच ऐसे प्रेम स्पॉट

जवानी के जिस दहलीज पर कदम रखकर छात्र/छात्रा जब BHU सिंहद्वार के अंदर एंट्री मारते है; उस उम्र में प्रेम ना करना गुनाह सरीखा लगने लगता है। नए नवेले खिलने को तैयार कली सरीखी जवानियां जब परिसर में vt ,library,health centre इत्यादि जगहों पर चारों तरफ जोड़ा बनाने के लिए भटकती है तो दसियों बरिस से कैंपस में भटकते सफेद बाल वाले रिसर्च स्कॉलरो के अंदर भी एक बार अपनी जवानी के पुराने दिन अंगड़ाई लेने लगते है।


ऐसे तो अगर बीएचयू में थोड़ी-मोड़ी भी बारिश हो जाती है तो पूरा बीएचयू का माहौल ही तगड़ा रोमांटिक हो जाता है। पर आज हम जानेंगे कि 1360 एकड़ में फैले इस महाविशाल BHU Campus में सबसे ज्यादा प्रेमी युगलों की जोड़ियां कहां पर दाना चुगना पसंद करती है।


MMV और त्रिवेणी हॉस्टल के बाहर :- 

वैसे तो लगभग हरेक गर्ल्स हॉस्टल के बाहर ही प्रेमी जोड़े आपको बांहों में बांहे डाले विचरते हुए दिख जायेंगे।लेकिन MMV चौराहा और त्रिवेणी हॉस्टल के बाहर सूर्यास्त के बाद से रात के 10 बजे तक का माहौल एकदम सतरंगी हो जाता है। MMV और त्रिवेणी के बाहर प्रेमी जोड़े समूह में अठखेलियां करते हुए आपको नजर आएंगे। प्रेम में पड़े नए नए लौंडो का तो यहीं काबा और काशी हो जाता है।
नोट: सिंगल लोग यहां एकदम ना जाय, वरना वहां का दृश्य देखकर डिप्रेस्ड हो सकते है।



सेंट्रल लाइब्रेरी :-

लोग कहते है कि जोड़ियां ऊपर से बनकर आती है। पर BHU के मामले में यह नियम फेल हो जाता है। कैंपस में जोड़ियां सेंट्रल लाइब्रेरी में बनती है। कभी बुक स्टॉक में सिलेबस की किताब ढूढ़वाते हुए,कभी पानी का बोतल शेयर करते हुए,कभी लाइब्रेरी में छूटी हुई किताब/नोट्स/पानी का बोतल वापस करते हुए तो कभी गलती से पासबुक एक्सचेंज हो जाने पर तो कभी वाटर कूलर पर पानी भरते भरते, तो कभी लाइब्रेरी से बाहर निकलकर VT पर चाय पीते पीते और छोला समोसा खाते खाते।
बन जाती है जोड़ियां यहां भाई साहब, आसानी से बन जाती है। बस आपको यहां पर थोड़ी सी रेगुलेरिटी और डेडीकेशन दिखाना पड़ता है। और फिर जोड़ियां बन जाती है। और जब यहां जोड़ियां बन रही है तो लोग प्यार भी करते ही होंगे। साथ आना ,साथ जाना । पार्टनर के लिए बगल वाली सीट कब्जिया के रखना, पढ़ते पढ़ते थक जाने पर "उनके" कंधे पर सिर रखकर सो जाना इत्यादि । पढ़ाई के साथ साथ यहां प्यार भी जबरदस्त होता है। 


IIT और एग्रीकल्चर फॉर्म :-


आर्ट्स और सोशल साइंस वालों के कुछ लफंगों के वजह से पूरा बीएचयू तबाह रहता है यह बात सबको पता है। लेकिन जब आर्ट्स और सोशल साइंस वालों को भी प्यार करना होता है, साथ समय बिताना होता है तो ये खुद भी IIT और एग्रीकल्चर फॉर्म की ओर निकल जाते है। 
IIT साइड में खुलापन ज्यादा है। उस साइड आपको प्रेम करते देख आपको कोई तड़ेगा नही,टोकेगा नही और ना ही कोई परेशान करने आएगा। लोग एकदम बिंदास प्रेम करते है। ना किसी से लेना ना किसी से देना। 
हालाकि अब इधर बीच कुछ वर्षो से आर्ट्स और सोशल वालों ने भी अपनी प्रगतिशीलता का दायरा बढ़ाया बढ़ाया है , अपने हृदय को जरा उदार बनाया है। लोग बाग अब इधर भी प्रेम प्रदर्शन करने लगे है।

एग्रीकल्चर साइड हंसो का जोड़ा प्रेम में परिपक्वता आ जाने पर ही या परिपक्वता लाने के उद्देश्य से हो दाना चुगने जाते है। 
हरियर हरियर घास, पियर पियर सरसो,लाल लाल फूल देख के मन,मिजाज,दिल सब खुश हो जाता है। 

मधुबन :-

क्यों भाई! मधुबन का नाम सुनते ही मुस्कुरा क्यों दिए?
सच कहे तो जैसा नाम एकदम हूबहू वैसा ही काम।
मधु + वन। 
सेंट्रल और साइबर लाइब्रेरी में सीट के लिए मारा मारी मौसमी है। मतलब जब गर्मी भयंकर रूप धारण करती है तो स्टूडेंट्स ac के लिए लाइब्रेरी का रुख करते है। लेकिन मधुबन में सीट(कोपचा) के लिए होड़ बारहमासी है।
मधुबन के बारे में बहुत सारे मिथ है जो लोगो में फैले हुए है।
पर मधुबन लोगो के धारणाओं के इतर बहुत कुछ है। 
और एक सच्चाई यह भी है कि विश्वविद्यालय के छात्र छात्रा यहां शायद जाते भी नही। यह केवल बाहरियो से भरा रहता है। हां! कॉफी यहां बढ़िया मिलती है।


रुइया ग्राउंड :-

बढ़िया ग्राउंड है रुइया। हॉस्टल के ज्यादातर स्टूडेंट्स दौड़ने, खेलने और एक्सरसाइज करने यहां जाते है, लेकिन केवल दिन में। 
रात का मैं कुछ नहीं कहूंगा रुइया ग्राउंड के बारे में। आप समझदार है खुद ही समझ जाइए। 


Amphitheatre :-


आज न बाड़बंदी कर के तालाबंदी कर दी गई है एंफीथेएटर की। नहीं तो असली वाला प्रेम तो इसी एंफीथिएटर की सीढ़ियों पर यहां वहां जहां तहां यत्र तत्र सर्वत्र केवल और केवल प्रेम ही होता था।
2017 के पहले वाले bhuite बढ़िया से व्याख्या करेंगे amphitheatre का। क्योंकि सितंबर 2017 में भारत कला भवन के पास बीएचयू के एक छात्रा के साथ हुए यौन हिंसा के बाद स्टूडेंट्स के ऐतिहासिक आंदोलन के बाद तमाम सुधारो में amphitheatre को भी लगभग रात 8 बजे के बाद बंद कर दिया जाने लगा। क्योंकि यहां पर बाहरी लोग भसड़ मचाने लगे थे।
कैंपस वाली बस:-

क्षणिक प्रेम का नाम सुने है? नहीं! 
मैं बताता हूं... जब आप अपने दोस्त के लिए एक सीट बचा के रखे हो और तभी आपके सपनों का राजकुमार/ राजकुमारी आ जाय और आप वो सीट उसके ऊपर न्योछावर कर दे। इस उम्मीद में कि कहीं कुछ हो जाए...। और बोलूं कि ना बोलूं...इसी सोच में डूबे डूबे पता नही कब लंका या फिर vt आ जाता है पता ही नही चलता।
वैसे तो कैंपस वाली बस पर एक अलग से अध्याय लिखा जाना चाहिए। Bhu के अंदर एक छोटा सा चलता फिरता bhu यहां पलता रहता है।
कइयों कि क्लासेज तो रोज यहीं बस में ही चलती है। जब भी आप चढ़ेंगे वो पीछे वाली सीट पर या फिर गेट पर झूलते हुए मिल जायेंगे।
Vt की कोल्ड काफी और लिंबडी चौराहा की चाय:-

प्रेम में पड़े नए नए लड़के अपनी प्रेमिका को कुछ नया और स्पेशल फील कराने के लिए iit साइड में लिंबड़ी ले जाता है। चाय पिलाता है। VT की कोल्ड कॉफी के बिना तो किसी भी प्रेम कहानी को आगे ले जा पाना कठिन है। 


BHU प्रेम कहानियों का एक अथाह समुंदर है।
बीएचयू में आपको प्रेम करने के लिए कारण और उम्मीद दोनो मिल जाते है। किसी को जल्दी तो किसी को थोड़े देर से। बीएचयू का एक एक कोना प्रेम स्थल है। बहुत सारे स्पॉट छोड़ दिए जा रहे ताकि आप उसको कमेंट बॉक्स में लिखें। जिस महान विश्वविद्यालय की नींव से छत तक में देश के एक एक लोग ने अपने मेहनत और खून पसीने की कमाई को दान देकर संकल्पना को साकार करने में मजबूती दी हो उस विश्वविद्यालय से प्रेम, मैत्री, करुणा और मानवता का ही संदेश उसकी चाहरदीवारी से निकलकर देश के लोगो के हृदय में जाना चाहिए।

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