सेंट्रल हिंदू स्कूल में दाखिले के लिए लॉटरी सिस्टम के खिलाफ छात्र और नागरिक समाज लगातार अपना विरोध दर्ज करा रहा है, इसी क्रम में एनएसयूआई बीएचयू इकाई ने सीएचएस एडमिशन में लॉटरी प्रणाली खत्म कर प्रवेश परीक्षा को पुनः बहाल किए जाने और पूर्व कुलपति प्रो जीसी त्रिपाठी के समय शुरू हुए एडमिशन के 'कुलपति कोटा' और पेड कोटा जैसे असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक प्रणाली को भी समाप्त करने की मांग के साथ बीएचयू स्थित मालवीय भवन से सेंट्रल हिन्दू स्कूल कमच्छा तक एक साइकिल यात्रा निकालने का आव्हान किया था।
तय समय पर यह साइकिल यात्रा मालवीय भवन पर छात्रों द्वारा महामना मदन मोहन मालवीय को माल्यर्पण करके निकाली गई और बीएचयू सिंह द्वारा पहुंची, यहां पहले से मौजूद कई थानों से बुलाई गई भारी पुलिस फोर्स ने इस साइकिल यात्रा को रोक दिया, इस दौरान छात्रों की पुलिस से बहस और नोक झोंक भी हुई। छात्र सीएचएस कमच्छा जाने के लिए अड़े थे, पुलिस से नोक झोंक के दौरान सिंहद्वार पर छात्रों का साइकल मार्च एक सभा मे तब्दील हो गया और छात्रों ने वहीं पर सम्बोधन शुरू कर दिया।
इस यात्रा के रोके जाने के बाद छात्रों और नागरिक समाज के लोगों ने सिंह द्वार पर एक सभा के माध्यम से अपना विरोध दर्ज कराया और कहा कि बीएचयू प्रशासन प्रतिभावान छात्रों के साथ अन्याय कर रहा है, और जिला प्रशासन के लोग उनका साथ दे रहे हैं। छात्रों और अभिवावकों ने अपनी बातचीत में सेंट्रल हिन्दू स्कूल से सम्बंधित निम्नलिखित मांग भारत सरकार और बीएचयू प्रशासन से रखी...
1. सेंट्रल हिन्दू स्कूल की कक्षा 6, 9 एवं 11 की प्रवेश परीक्षाओं को पुनः बहाल कर आयोजित कराया जाय, जिससे कि छात्रों का भविष्य दांव पर न लगे और मेधावी विद्यार्थियों की मेधा को उचित सम्मान मिले।
2. CHS एडमिशन में 2015 से शुरू किया गया 'कुलपति कोटा' और 'पेड कोटा सीट' जैसे असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक प्रणाली को भी समाप्त किया जाय।
3. सेंट्रल स्कूल में सीटों को बढ़ाने के साथ इसके सेंटर बीएचयू के दक्षिणी परिसर दोनो में सभी विद्यार्थियों को छात्रावास की सुविधा दी जाए।
4. पिछले 124 सालों में सेंट्रल हिन्दू स्कूल अच्छी, गुणवत्तापूर्ण सस्ती शिक्षा का एक मॉडल रहा है। आजादी के आंदोलन में इस संस्था ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है इसलिए इसको राष्ट्रीय महत्व की संस्था घोषित किया जाए।
5. सेंट्रल हिन्दू स्कूल स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों की कर्मभूमि रहा है, आजादी का अमृत महोत्सव मना रही सरकार इसे 'स्कूल ऑफ एमिनेन्स' का दर्जा दे और इसके अनुदान में बढोत्तरी करे तभी खेल, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी को आधुनिक स्वरूप प्रदान किया जा सकेगा, तभी सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव मनाए जाने की सार्थकता भी सिद्ध होगी।
इस दौरान डॉ विकास सिंह, रोहित कुमार, धनन्जय, संदीप पाल, श्याम बाबू, उमेश यादव, नीरज रेहान,कपीश्वर,शान्तनु सिंह,धर्मेंद्र पाल,नीतेश,जय प्रकाश,वलय वाजपेई, गौरव पटेल, सूर्य प्रताप, राजकुमार, धारिया, अस्मित पटेल, राजीव नयन समेत सैकड़ो लोगो ने साइकल मार्च में मौजूद थे। इस मार्च में पूर्वांचल अभिवावक संघ की तरफ से पीएन पांडेय नेतृत्व में दर्जनों लोग शामिल हुए।
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