शहादत दिवस पर भगतसिंह छात्र मोर्चा ने शहीद दिवस के रूप में मनाते हुए VT BHU से लंका गेट तक मशाल मार्च किया


23 मार्च भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु व पाश की शहादत दिवस पर भगतसिंह छात्र मोर्चा ने शहीद दिवस के रूप में मनाते हुए शहीदों को याद किया। बीएचयू के विश्वनाथ मंदिर पर 5 बजे से सभा की गई। सभा शुरू होने से पहले बीएचयू सुरक्षा कर्मियों के रोकने पर उनसे तीखी नोकझोंक हुई।  सभी ने अपनी बात रखते हुए भगत सिंह और उनके साथियों के विचार तथा उनके संघर्षों की प्रासंगिकता पर बात रखी। योगेश ने बात रखते हुए कहा कि यह प्रशासन आज भी भगत सिंह के विचारों से डरती है। इसी डर की वजह से प्राक्टोरियल बोर्ड यह कार्यक्रम होने से पहले ही रोकने को उतारू हो गई। अंकिता ने कहा कि आज के दौर में फिर से नौजवानों एकजुट होकर संघर्ष करने की जरूरत है क्योंकि सरकार आम जनता को धर्म और जाति में बांटकर बड़े बड़े देशी विदेशी पूंजीपतियों को मुनाफा देने के लिए सरकारी संपत्ति को बेच रही है।सभा में शशांक ने पाश की 'सबसे खतरनाक', 'हम लड़ेंगे साथी', 'यदि देश की सुरक्षा यही होती है' कविता का पाठ किया।  इसके अलावा अर्शिया, संगीता, उमाशंकर, विक्रम ने भी अपनी अपनी बात रखी। बीच बीच में कई क्रांतिकारी गीत गाए गए।


      सभा के बाद विश्वनाथ मंदिर से लंका तक मशाल मार्च निकाला गया। जिसमे लगभग 100 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। मार्च जब लंका पर पहुंची तो पुलिस पूरी संख्या बल के साथ मार्च को रोकने आ गई। झड़प और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी हुई तथा यह कहा गया की यह पुलिस सत्ता के इशारे पर काम करती है। जिसे आज भी भगत सिंह के विचारों से डर लगता है। इसलिए ज़रूरत है कि भगतसिंह और उनके साथियों की विरासत को आगे बढ़ाने की।


      कार्यक्रम में उत्कर्ष, आलोक, चंदन, सिद्धि, अभिषेक, योगेश, संगीता, इप्शिता सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन आकंक्षा आज़ाद ने किया।
      

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