काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का सिंहद्वार |
BHU के "...संस्कृति विभाग" के प्रोफेसर ने ऑनलाइन कक्षा में किया अभद्र भाषा का प्रयोग ,छात्रों के दबाव बनाने के बाद मांगा माफी।
एक छात्र ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि BHU के प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवम् पुरातत्त्व विभाग के आगामी विभागाध्यक्ष एवम् प्रोफेसर अनिल कुमार दुबे M.A. फर्स्ट सेमेस्टर वाले छात्रों की ऑनलाइन क्लास ले रहे थे। क्लास लेने के दौरान उन्होंने उपस्थित छात्रो से प्रश्न पूछकर जवाब जानना चाहा। एक छात्र ने उत्तर देने का प्रयास किया लेकिन उत्तर गलत हो गया। जिसपर प्रोफेसर अनिल कुमार दुबे भड़क गए और ऑनलाइन कक्षा में ही सभी छात्र-छात्राओं के सामने ही उक्त छात्र को बोला कि,"ये क्या चु*यापा आंसर है"
सकते में आए छात्र अभी कुछ बोलते की इससे पहले ही 'चु*यापे' जैसे अमर्यादित शब्द का प्रयोग पूरे क्लास में प्रोफेसर अनिल कुमार दुबे ने पुनः कर दिया।
प्रोफेसर पर भड़क उठे छात्र:-
ऑनलाइन क्लास में उपस्थित छात्र अपने प्रोफेसर द्वारा सहपाठी के लिए प्रयोग किए गए 'चु*यापा' जैसे अमर्यादित शब्द के प्रयोग के बाद भड़क उठे और प्रोफेसर के इस अभद्र शब्द के प्रयोग पर आपत्ति जताते हुए कहा कि," आप बीएचयू जैसे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर होकर ऐसे शब्द का प्रयोग कर रहे है! हमे आपके प्रतिष्ठित बीएचयू के प्रोफेसर होने पर शर्म आ रही है।" इसके बाद प्रोफेसर दबाव में आ गए और वे छात्रों से हाथ जोड़कर माफी मांगने लगे। इसके बाद थोड़ी ही देर में प्रोफेसर क्लास ओवर कर के चले गए।
कौन है अनिल कुमार दुबे:-
अनिल कुमार दुबे प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवम् पुरातत्त्व विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर है तथा अगले विभागाध्यक्ष भी हो सकते है।
1 टिप्पणियाँ
मैं उस कक्षा का छात्र हुँ और उपयुक्त घटना के समय आनलाइन कक्षा में उपस्थित था। बात ऐसी भी नहीं हैं की आप इसे पब्लिक न्यूज बनाकर चलाये। प्रो अनिल सर बहुत ही विनम्र और बेहतरीन शिक्षक हैं,और माफी उन्होंने स्वेच्छा से माँगी। प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति विभाग में उनका होना हम सभी के लिये सम्मान की बात हैं और इस विभाग और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सभी छात्र सर का पुरा सम्मान करते हैं।
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