एक वर्ष बाद कैसा दिखने लगेगा BHU स्थित भारत कला भवन।


कहा जाता है कि,"अगर आपको बहुत कम समय मे ही किसी शहर के बारे में गहराई तक जानना हो तो वहाँ का म्यूजियम घूम आइये।"
लेकिन बनारस के BHU परिसर में स्थित कलाकृतियों के परिपेक्ष्य से भारत के सबसे धनी संग्रहालय भारत कला भवन एक वर्ष के लिये दर्शको के लिये पूर्णतया बन्द कर दिया गया है।

क्यो बन्द रहेगा भारत कला भवन:-

देश एवं काशी के इतिहास से दीदार कराने के लिये बाँहे पसर कर दर्शको का स्वागत करने वाला भारत कला भवन पिछले एक साल से covid-19 के वजह से बंद रहा और अब फिर एक वर्ष तक दर्शको के लिये बन्द रहेगा। कारण कि भारत कला भवन के जीर्णोद्धार के लिये फण्ड आया है और म्यूजियम के डायरेक्टर सहित सभी कर्मचारी म्यूज़ियम के कायाकल्प में जुटे पड़े है। ताकि संग्रहालय पुनः नए कलेवर एवं अवतार के साथ दर्शको हेतु खोला जा सके।

आज भारत कला भवन संग्रहालय जिस बिल्ड़िंग में स्थित है उस इमारत का उद्घाटन देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी ने अपने हाथों से किया था। हालांकि समय-समय पर इसका मरम्मत और कायाकल्प होते रहता है लेकिन अभी कुछ दिनों पहले ही भारत कला भवन के छत पर सोलर पैनल के प्लेटो को फ़ीट करवाया गया जिससे छत को थोड़ा नुकसान हुआ है  और जर्जर हो चुके वायरिंग को नए सिरे से किया जा रहा है। संग्रहालय की वीथिकाओं को नए सिरे से सजाया जा रहा है । निर्माण कार्य पूरा होते ही पुनः भारत कला भवन दर्शको के लिये खोल दिया जाएगा।

तो चमक उठेगी भारत कला भवन की हरेक गैलरी:- 
भारत कला भवन में अभी तक पारंपरिक तरीके से ही गैलरियों में रखी वस्तुओ का प्रदर्शित किया गया था लेकिन जारी फण्ड के सदुपयोग से सुंदर और नए शोकेस,टेबल शोकेश तथा स्टैंड में उचित प्रकाश के प्रबंध के साथ आधुनिक तथा वैज्ञानिक तरीके से प्रदर्शित किया जाएगा।
भारत कला भवन BHU


भारत कला भवन एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालयी संग्रहालय है:-

 यों तो विश्व के सभी विश्वविद्यालयों में एक ना एक संग्रहालय जरूर होता है लेकिन BHU परिसर में स्थित भारत कला भवन एशिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालयीय संग्रहालय है। जिसमे कुल 14 गैलरियां है। जिसमे एक लाख से अधिक कलाकृतियों का संग्रह है। तथा संग्रहालय में किताबो से भरपूर एक लाइब्रेरी भी है।

कौन थे संस्थापक:- 
भारत कला भवन को पहले भारत कला परिषद के नाम से जाना जाता था । जिसकी स्थापना कलाकृतियों के संग्राहक प्रेमी राय कृष्णदास जी ने 1920 में गोदौलिया में की थी। फिर गोदौलिया से उठकर भारत कला परिषद BHU आकर भारत कला भवन नाम से जाना जाने लगा।

कौन-कौन सी वस्तु है इसमें खास-खास :-

भारत कला भवन में मौजूद सभी कलाकृतिया ऐतिहासिक दृष्टिकोण से  बहुत महत्वपूर्ण है।

मालवीय जी का दाँत:- मालवीय गैलरी में मालवीय जी की कुछ निजी वस्तु जैसे उनका कुर्ता पजामा एवं सदरी एवं दाँत आज भी सुरक्षित है। 

पुरानी काशी के प्रमाण:- भारत कला भवन में राजघाट के किला क्षेत्र से उत्खनित तमाम मुर्तिया और धातु सिक्के सहित मृदभांड सुरक्षित है। 

शाहजहाँ का प्याला:- मुगलकाल का रत्नजड़ित एक ऐसा प्याला प्रदर्शित है जिसकी खायसियत है कि उस प्याले में के पेय में जहर मिलने पर प्याली का रंग बदल जाता है।

सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमाण:- विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओ में से एक सिंधु घाटी सभ्यता के कुछ महत्वपूर्ण पुरावशेषों को प्रदर्शित किया गया है।

बनारस की लोक कला:- बनारस वीथिका में बनारस के मंदिर,घाट,बनारस की रामलीला से संबंधित पात्रो के मुखौटे ,बनारस की काष्ठकला एवं लकड़ी के खिलौने , बनारसी साड़ी का प्रदर्शन किया गया है।

चित्रकला:- भारत कला भवन में प्राचीनतम से आधुनिकतम दौर तक कि पेंटिंगें सुरक्षित स्थित है। चित्रकला के दृष्टिकोण से यह दुनिया के सबसे धनी संग्रहालयों में से एक है।

औरंगजेब की एक चिट्ठी:- भारत कला भवन में तमाम प्रदर्शित चीजो में एक चीज है औरंगजेब की चिट्ठी जो उसने इसे अपने बनारस के मंत्री को लिखा था। जिसमे उल्लेख है कि ," मुझे खबर है कि बनारस में पंडे-पुजारियों को परेशान किया जा रहा है एवं मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, तो ऐसा कत्तई नही होना चाहिये और हाँ, लेकिन नए मंदिरों का भी निर्माण नही होना चाहिए।"

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ