क्या छात्रों की सभी मांगे हुई पूरी? आखिरकार प्रदर्शनकारियों के सामने क्यों झुका बीएचयू प्रशासन? :- BHU Online Class

छात्र छात्राओं द्वारा हाईब्रिड क्लास की मांग को लेकर अनवरत 6 दिन से चलाए जा रहे आंदोलन के छठे दिन छात्रों ने बीएचयू के प्रॉक्टोरियल बोर्ड के चीफ पर लाठी चार्ज का आरोप लागाया गया और उसके बाद बीएचयू मैन गेट को विरोध स्वरूप बंद कर लाठीचार्ज के विरोध में आंदोलन वीसी लॉज से हटाकर सिंह द्वार पर शुरू कर दिया । छात्रों ने सबसे पहले बीएचयू मुख्य द्वार को बंद कर दिया और केवल एंबुलेंस और जरूरी चीजों के लिए गेट खोलने की रियायत दी बाकी के लिए बाधित रखा।

छात्रों का हुजूम लाठीचार्ज के बाद मुख्य गेट पर उमड़ पड़ा तथा रात भर छात्र सर्दी में भी अड़े रहे। हालाकि आज सुबह से छात्र धरना स्थल पर आते जाते रहे लेकिन आंदोलन को कमजोर नहीं होने दिया। अभी लगभग 24 घंटे के अनवरत आंदोलन के बाद बीएचयू प्रशासन के ओर से आए वार्तकारियो ने छात्रों से बात की और हाईब्रिड क्लासेज को लेकर चल रहे धरना को छात्रों की मांगे मान ली फलस्वरूप छात्रों ने भी आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा करते हुए खुशियां मनाने लगे और एक दूसरे को हिम्मत बनने के लिए शुक्रिया कर हॉस्टल और कमरों की तरफ लौट गए है।






छात्रों की मांग थी कि केवल ऑफलाइन क्लास न चलाकर क्लास को हाइब्रिड मोड में चलाया जाए जिससे की उन छात्रों को परेशानी न हो जिनका अंतिम वर्ष है और केवल 60 दिन की पढ़ाई बची है।


क्या क्या मांगे मानने को तैयार हुआ है बीएचयू प्रशासन:-


छात्रों की , क्लासेज हाइब्रिड मोड में चलाने की मांग बीएचयू प्रशासन ने मांग मान ली है।
एग्जाम obe ढंग से ही होगी।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में आगामी #SemesterEndExams के लिए संकाय तीन विकल्पों में से किसी एक विकल्प को चुन सकते हैः
1- #Online मोड (OBE), 
2- #Offline मोड,
3- छात्रों को ऑनलाइन ओबीई मोड या ऑफलाइन मोड में से किसी एक को चुनने का विकल्प दिया जाए।

सेमेस्टर परीक्षाओं के मद्देनज़र छात्रों के हित को केन्द्र में रखते हुए कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में ये निर्णय लिया गया। सबंधित संकाय इन विकल्पों में से किसी भी एक को विभागाध्यक्षों, शिक्षकों व छात्रों से विचार विमर्श के बाद चुनेंगे। 

बैठक में इस बात पर भी गौर किया गया कि कुछ पाठ्यक्रमों के संदर्भ में नियामक इकाइयों की ओर से ऑफलाइन कक्षाएं व ऑफलाइन मोड में परीक्षाएं संचालित करना आवश्यक होता है। साथ ही ये भी महसूस किया गया कि महामारी काल के दौरान छात्रों को पठन पाठन में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। 


ऐसे में सभी संकायों के लिए एक समान पैमाना अपनाना न्यायोचित नहीं होगा। इसके अलावा विभिन्न संकायों में पठन पाठन का माध्यम भी भिन्न रहा है, कुछ में सेमेस्टर के आरंभ से ही ऑफलाइन कक्षाएं संचालित होती रहीं हैं, जबकि कुछ में हाल तक ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जाती रही हैं। 

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