बीएचयू पुरातत्वविदों की टीम राजातालाब इलाके के बभनियांव स्थित पुरातत्व स्थल |
BHU के विद्वान खोलेंगे काशी के अनोखे एकमुखी शिवलिंग का राज,विश्वनाथ मंदिर से भी पुराना है यह शिवलिंग।
क्या है पूरा मामला:-
वाराणसी के जक्खिनी स्थिति बभनियाव में Covid 19 की दूसरी और तीसरी लहर के आने से पूर्व BHU के प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवम् पुरातत्वविद विभाग की टीम एक मंदिर के पास टीले पर खुदाई कर रही थी। जहां से तमाम प्राचीन अवशेष हाथ लगे। उन्ही अवशेषों में से एक कुषाण कालीन एकमुखी शिवलिंग मिला जिसपर एक नाक,कान,आंख एवम् जटा मिला। हालाकि अब Covid के संक्रमण का मामला तेजी से कम हो रहा तो भारतीय पुरात्तत्व सर्वेक्षण विभाग ने फिर से उत्खनन के लाइसेंस जारी कर दिया है। बीएचयू के पुरातत्त्वविद अब उसी उत्खनन को आगे बढ़ाने और प्राप्त कुषाणकालीन एकमुखी शिवलिंग का राज खोलने के लिए कार्य शुरू करेंगे।
बभनियाव पुरास्थल के निदेशक प्रो अशोक सिंह पटेल के टीम में कौन कौन विद्वान है शामिल:-
बीएचयू के प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवम् पुरातत्व विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत अशोक सिंह बभनियांव उत्खनन स्थल के निदेशक है जिनके देख रेख में यह जक्खिनी स्थिति बभनियाव पुरास्थल का इतिहास टटोलने का कार्य चल रहा है। जिसमे प्रो अशोक सिंह पटेल के साथ असिस्टेंट प्रो उमेश कुमार सिंह और आर्य महिला पीजी कालेज के प्रवक्ता डाॅ. रवि शंकर उत्खनन शामिल है। वहीं खुदाई का उद्घाटन BHU में प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. ओंकार नाथ सिंह करेंगे जिनके साथ bhu के कला संकाय प्रमुख प्रो. विजय बहादुर सिंह, आर्य महिला पीजी कालेज की प्राचार्या प्रो. रचना दुबे और मैनेजर डाॅ. शशिकांत दीक्षित करेंगे।
अभी तक क्या-क्या मिला है उत्खनन में:-
2020 में जब पहली बार बभनियाव पुरास्थल का पता लगा और BHUपुरातत्वविद् ने प्रो अशोक सिंह के निदेशक में खुदाई शुरू की तो वहा से गुप्त कालीन मंदिर के अवशेष , कुषाणकालीन एक मुखी शिवलिंग ,मूर्तियां , मृदभांड और कुछ महत्वपूर्ण वस्तुएं प्राप्त हुई। विद्वानों का मानना है की यह पुरास्थल काशी के प्राचीनतम नगरीय बसावट का शुरुआती केंद्र हो सकता हैं। जिसपर बिना किसी बाधा के गहन कार्य की आवश्यकता है।
BHU और उससे संबद्ध कॉलेज के पुरातत्त्व से MA की पढ़ाई करने वाले छात्रों का होगा वर्कशॉप:-
बीएचयू इस बार बभनियाव पुरास्थल की खुदाई के मौके को पूरी तरह भुनाने के मूड में है। जिससे छात्रों को भी लाभ हो सके। BHU एवम उससे संबद्ध कॉलेज से पुरातत्त्व में MA की पढ़ाई करने वाले सभी कॉलेजों के छात्रों की वर्कशॉप भी कराई जाएगी।
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