छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण की मांग के सामने नए कुलपति सुधीर कुमार जैन ने नहीं सुनी छात्रों की मांग, गाड़ी में बैठकर निकल गए


काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू करवाने की मांग को लेकर कुलपति कार्यालय (सेंट्रल ऑफिस) का घेराव करने पहुंचे छात्रों के सामने भूकम्प वैज्ञानिक वीसी प्रो० सुधीर कुमार जैन डगमगा गए। वीसी साहब ऐसे डगमगाए कि उन्होंने छात्रों से मुखातिब होकर एक मिनट भी बात करना मुनासिब नहीं समझा और छात्रों से बात किये बिना अपनी गाड़ी में बैठकर फुर्र हो गये।

अपनी मांगों को लेकर जब छात्रों ने कुलपति कार्यालय (सेंट्रल ऑफिस) का घेराव करने पहुंचे तो चीफ प्रॉक्टर प्रो० बी०सी० कापड़ी ने कहा कि आपकी मांग पहले से ही मान ली गयी है। छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए 04 जनवरी, 2022 को ही संकाय प्रमुख (वाणिज्य संकाय) प्रो० जी०सी०आर जायसवाल की अध्यक्षता एक पांच सदस्यीय समिति गठित हुई है, जो बहुत ही जल्द इसी सत्र से छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू करने की प्रक्रिया को क्रियान्वित करेंगे। आन्दोलनरत छात्रों की मांग थी कि आप छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू करने के संबंध में अभी सर्कुलर जारी करवाइये। छात्रों की उक्त मांग पर प्रो० बी०सी० कापड़ी ने कहा कि आप प्रतीक्षा करिए- एक घंटे में सर्कुलर आपको मिल जायेगा। छात्रों ने उनकी बात सुनकर वहीं बैठ गये और सर्कुलर का इंतजार करने लगे। करीब पौने दो घंटे इंतजार करने के बाद जब छात्रों को कोई पत्र नहीं मिला तब छात्र और जोर-जोर से नाराबाजी करने लगे। ठीक उसी वक्त वीसी प्रो० सुधीर कुमार जैन ने कुलपति कार्यालय से निकल कर अपने आवास जाने के लिए गाड़ी में बैठ गये और छात्रों से बिना बात किये फुर्र होने को सोचने लगे।
छात्रों ने वीसी की उक्त रवैए को देखते हुए उनकी गाड़ी को रोकने के लिए घेरना चाहा तो प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों से नोंक-झोंक भी हो गयी।प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सिक्योरिटी ज़ैदी नाम का गॉर्ड ने एक छात्र के साथ बदतमीजी किया तो छात्र भी उग्र हो गये। छात्रों का आरोप था कि सिक्योरिटी गार्ड ज़ैदी आये दिन धरनारत छात्रों के साथ बदतमीजी करता है। छात्रों ने गार्ड ज़ैदी के खिलाफ तहरीर भी देने की बात कही है।

अंततः छात्रों ने अपनी मांग को लेकर आये ज्ञापन को चीफ प्रॉक्टर प्रो० बी०सी० कापड़ी के जरिए कुलपति कार्यालय को सौंपा। प्रो० बी०सी० कापड़ी ने कहा कि उक्त मांग और ज्ञापन के संबंध में हम पी०आर०ओ० के जरिए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करवा देते हैं कि छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू करने की मांग मान ली गयी है, जो इसी सत्र से लागू कर दी जायेगी। केन्द्रीय कार्यालय से लौटते समय छात्रों ने कहा कि यदि एक सप्ताह के भीतर हमारी मांग नहीं मानी जाती है तो हम लोग अपनी मांग को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में कई तरह की राजनीति तय करेंगे और अपने आन्दोलन को तेज करेंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।

निम्निलिखित मांगें वाइस चांसलर के समक्ष रखी जो की निम्न प्रकार से है:_

1. बीएचयू और बीएचयू से सम्बन्धित जितने भी कॉलेज है उन सभी छात्रावासो में 27% ओबीसी आरक्षण लागू हो तथा जो भी इस जजमेंट का अवहेलना करे उनके संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त करवाई हो।

2. बीएचयू में पैड सीट पर हो रहे एडमिशन में ओबीसी आरक्षण लागू हो।

3. प्राध्यापकों के नियुक्ति में हो रही नाइंसाफी बंद हो ( नॉट फाउंड सूटेबल (NFS) जैसे हथकंडों का उपयोग खास कर के ओबीसी वर्ग के खिलाफ बंद हो) ।


छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू करवाने के लिए ज्ञापन देने वालों में सतीश पटेल, विकास यादव, पंकज पाल, शशिकांत,  महेश, राहुल, कृष्णा, प्रमोद, जगदीश, श्रवण, राम लखन, अशोक, सुमित, रवि, चंदन, शुभम, उमेश, धीरेंद्र, सूरज यादव, अजित, अजय, सुभाष, अभिमन्यु, अविनाश, राजन, राजेश, सरोज राय, अभिषेक, श्याम मौर्य, सरिता यादव, निर्मला वर्मा, कुंदन, शहनाज ,सुजीत राजभर, सुजीत यादव, मुमताज, राहुल पटेल, तुषार, अनुराग यादव, सीपी, चंदन, राणा रोहित, दिलीप कु. चौरसिया, रूपेश,  राजेश यादव, रितेश रंजन, अजय मौर्या,  बेबी पटेल, प्रभाकर मौर्य, जेपी पटेल, राजू पाल, सत्येन्द्र पाल, चंद्रजीत यादव, कृष्ण कुमार यादव, भुवाल यादव, अनुपम कुमार, खेताराम, योगेश, शिवम, शुभम सिंह, धीरेंद्र, राहुल वर्मा, नरेंद्र और विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता चौधरी राजेन्द्र सहित सैकड़ो छात्र-छात्राएं एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।

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