दिनांक 14 जुलाई को भगत सिंह छात्र मोर्चा और अन्य छात्र-छात्राओं ने कल 15 जुलाई को इस कोरोना महामारी के बीच प्रधानमंत्री की होने वाली रैली को रोकने और विश्वविद्यालय को पुनः खुलवाने की मांग की।
विश्वविद्यालय पिछले डेढ़ साल से बंद है और सभी अकादमिक गतिविधियां बंद है लेकिन बीएचयू और जिला प्रशासन सभी कानूनों और नियमों को ताक पर रख कर विश्वविद्यालय के अंदर राजनीतिक रैली को करवाया जा रहा है । छात्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय हम छात्रों का है , किसी पार्टी या कुलपति की जागीर नहीं है।
कल यही प्रशासन ने कोरोना का हवाला देकर सभी शिक्षण संस्थान को बंद कर दिया था लेक़िन वहीं दूसरी तरफ विश्वविद्यालय प्रशासन किसी राजनेता या फिर किसी पार्टी की रैली करने के लिए क्यों अनुमति दे रहा है ? 6000 की संख्या में बाहरी व्यक्तियों को कैंपस में महामारी फैलाने के लिए क्यों बुलाया जा रहा है, जबकि कोरोना की तीसरी लहर आने वाली है । यह रैली कोरोना के नियमों का खुला उल्लघंन करती हैं । विश्वविद्यालय प्रशासन इस तरह से छात्रों और कर्मचारियों का और बनारस शहर का जीवन संकट में क्यों डाल रहा है ।
भगतसिंह छात्र मोर्चा के सदस्यों ने वाइस चांसलर से मिलकर कहा कि इस रैली को तुरंत रद्द करवाया जाय और विश्वविद्यालय के कक्षाओं और हास्टल को पूरी क्षमता के साथ खोला जाय। इस दौरान ज्ञापन देन वालो में सुमित ,अंबुज ,राहुल ,शुभम ,लोकेश,पवन,उमेश ,अमन, ,अजीत , इप्शिता समेत दर्जनो छात्र उपस्थित रहे।
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