BHU के इतिहास विभाग से शोध प्रवेश में अनियमितता एवं अपारदर्शिता का आरोप छात्रों ने लगाया


कल दिनांक 12 जुलाई को इतिहास विभाग में शोध प्रवेश में अनियमितता और अपारदर्शिता को लेकर छात्रों ने विभाग के बाहर धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया। छात्रों ने बताया कि इतिहास विभाग में शोध प्रवेश सितंबर 2020 व मार्च 2021 के लिए 32 सीट हेतु प्रवेश साक्षात्कार 12 अप्रैल से 16 अप्रैल 2021 तक हुआ जिसका परिणाम 10 जुलाई को चयनित अभ्यर्थियों को भेजा गया। छात्रों का आरोप है कि विभाग द्वारा साक्षात्कार पैनल बनाने में अनियमितता बरती गई व परिणाम की घोषणा में मनमानी व अपारदर्शिता बरतते हुए विश्वविद्यालय शोध प्रक्रिया के मापदंड का उल्लंघन किया गया है व योग्य विद्यार्थियों के साथ भेदभाव एवं अन्याय किया गया है।
छात्रों द्वारा निम्नलिखित मांग किया गया

विभाग द्वारा शोध प्रवेश प्रक्रिया में साक्षात्कार पैनल बनाते समय नियमानुसार विभाग के अतिरिक्त दो वरिष्ठ प्रोफेसर जो विभाग के में हो तथा जिन्ही काय प्रमुख दूगारा नामित किया गया हो, उनकी पैनल में उपस्थिति अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त DRC के अध्यक्ष को DRC के कोई दो रेष्ठ सदस्य, OBC और SC/ST नोमिनी शामिल होते हैं। इस नियमावली का खुला उल्लंघन है।

2. साक्षात्कार के लिए जो पैनल बना उसके सभी सदस्य अधिकारी साक्षात्कार में अनुपस्थित थे।

3 या 4 सदस्यों द्वारा लिया गया, अनुपस्थित सदस्यों द्वारा चयन

प्राप्तांक किस प्रकार दिया गया है। विभाग ने इसके संदर्भ में कोई जानकारी नहीं दी। 3. विभाग द्वारा परीक्षा में उपस्थित हुए विद्यार्थियों का प्राप्तांक सार्वजनिक नहीं किया गया है। चयनित शोधार्थियों एवं वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों की सूची अथवा कोई जानकारी विभाग द्वारा नहीं दी गई है।

4- पैनल में दो प्रोफेसर श्री आशुतोष कुमार एवं श्रीमती सुताप दास को विश्वविद्यालय के किस प्रावधान के तहत रखा गया. दोनों ही प्रोफेसर ने अभी अपना प्रोविजन काल पूर्ण नहीं किया है। एवं उन्हें विभाग में आए कुछ समय ही हुआ है।

5. विभाग सभी अभ्यर्थियों की सूची जारी करे। सूचों में प्राप्तांक की जानकारी हो मेरिट स सरकार और प्रपोजल पर सभी परीक्षार्थियों को कितने प्राप्त मिले हैं, इसे सार्वजनिक किया जाय।

6- विभाग बताए कि प्रवेश की कौन सी प्रक्रिया के तहत लगभग 64-65 API पाने वाले विद्यार्थियों का चयन हुआ है, जबकि 80 API पाने वाले विद्यार्थी परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके।

7- विभाग में किस प्रोफेसर के अंतर्गत कितने शोधार्थी चयनित है, किस प्रोफेसर के अंतर्गत कितनी सीट रिक्त हैं।

8-चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाए पिछली लिस्ट खारिज हो एवं दुबारा की जाए। इस बार विभाग अपने प्रक्रिया में पारदर्शिता हो। 

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