विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर बी एच यू की पहल, शिक्षकों व कर्मचारियों ने ली शपथ

कहते हैं तम्बाकू, बीड़ी और सिगरेट के सेवन से कैंसर समेत तमाम बीमारियां शरीर को जकड़ लेती है। इनके सेवन से शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता (इम्यूनिटी) कमजोर पड़ जाती है। कोरोना काल में इनका सेवन और भी ज्यादा नुकसानदायक है। हर साल की तरह इस बार भी विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में तम्बाकू का सेवन न करने व किसी भी प्रकार के नशे से बचने के लिए दूसरों को भी प्रेरित करने की शपथ ली गई।

बीएचयू परिवार के सभी सदस्यों ने इस मौके पर सोमवार को वेबिनार में तंबाकू उत्पादों से दूर रहने की शपथ ली। लोगों ने यह प्रण किया कि जीवन में कभी भी, किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पाद का सेवन नहीं करेंगे। अपने परिजनों और परिचितों को भी तंबाकू उत्पादों एवं किसी भी नशे का सेवन नहीं करने के लिए प्रेरित करेंगे। इस दौरान ऑनलाइन समारोह में कार्यवाहक कुलपति प्रो. वीके शुक्ला तथा बीएचयू के विभिन्न संस्थानों के निदेशकों, संकाय प्रमुखों, वरिष्ठ अधिकारियों, शिक्षकों तथा पीजी. नवीन कुमार, प्रो. अदित, डॉ. पवन दूबे एवं डॉ. महेश खैरनार एवं अन्य कर्मचारी मौजूद रहे। फिर चिकित्सा विज्ञान संस्थान के दंत चिकित्सा संकाय में जागरूकता कार्यक्रम हुआ।

कार्यक्रम के दौरान तम्बाकू का सेवन कितना हानिकारक है, इस पर प्रकाश डालते हुए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। संकाय प्रमुख प्रो. विनय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि तंबाकू के कारण सर्वाधिक मुख कैंसर होता है। यह इतना घातक है कि प्रत्येक दस में एक रोगी का जीवन नहीं बच पाता। इस समय कैंसर रोगियों की संख्या की दृष्टि से भारत का विश्व में प्रथम स्थान है। पहले यह रोग लगभग 40 वर्ष की आयु या उससे अधिक उम्र के लोगों में पाया जाता था परन्तु अब 35 वर्ष से कम आयु के लोगों में भी मिलने लगा है।

                      ✍🏻 शिवानी पटेल
       पत्रकारिता छात्र के साथ साथ स्वतंत्र लेखन

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