बीएचयू के छात्रों द्वारा बिहार विधानसभा में हुए लोकतांत्रिक मूल्यों के हनन के खिलाफ की प्रतिरोध सभा :- BHU

Bhu student protest
बीएचयू के सिंह द्वार पर आयोजित प्रतिरोध सभा

बिहार विधानसभा के भीतर 2 दिनों पूर्व जिस प्रकार से चुने हुए जनप्रतिनिधि के ऊपर हमला हुआ है,वो दिखाता है की सरकार कितना क्रूर होते जा रही हैं,ऐसे में लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए विरोध की आवाज को बुलंद करने के लिए आज दिनांक 25 मार्च को शाम 5:30 बजे लंका गेट पर बिहार छात्र युवा संघर्ष समिति के बैनर तले, बीएचयू के छात्रों और बनारस के नागरिक समाज ने एक प्रतिकार सभा रखी।
 देश भर में भाजपा शासन आने के बाद दमन का जो सिलसिला मोदी-योगी की जोड़ी ने शुरू किया था, उसकी अगली कड़ी में बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार स्पेशल आर्म्ड फ़ोर्स अधिनियम  लाकर इसमे अत्याचार का एक और नाम जोड़ दिया है। इस कानून के आने के बाद बिहार पुलिस किसी भी व्यक्ति को सिर्फ शक के आधार पर बिना केस मुकदमा दर्ज किए जेल भेज सकती है। यह प्रदेश में न्यायिक और संवैधानिक राज को ख़तम करके पुलिसिया राज स्थापित करने की मुहिम है जो कहीं से भी एक लोकतंत्र में जायज नही है। इसी कानून का विरोध करने के लिए जब बिहार विधानसभा ने विपक्ष के विधायक सदन में धरने पर बैठे तब सदन की गरिमा तार तार कर नीतीश कुमार ने पुलिस और बाहरी फ़ोर्स बुलवा विधायकों को पिटवाया। इसी दौरान कई महिला विधायकों के साथ भी बदसलूकी हुई। इस अत्याचार के विरोध में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों और बनारस के नागरिक समाज ने लंका गेट पर एक विरोध प्रदर्शन और सभा आयोजित की। साथ ही विरोध के प्रतीकात्मक रूप में नीतीश कुमार और सुशील मोदी की तस्वीरें भी जलाई। 
सभा का संचालन राजेश ने किया तथा वक्ता के रूप में जागृति राही, अनूप श्रमिक, आनंद तथा दिवाकर मौजूद रहे। विरोध प्रदर्शन में मुख्य रूप से अर्जुन, रोहित, विवेक, विवेक स्वराज, आशुतोष, अनिक, नीरज, मुरारी, दीपक,धर्मेंद्र पाल, आकाश, उमेश, शांतनु, रजत और राज शामिल रहे। 

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