बीएचयू परिसर में दुकानदारों के किराया वृद्धि के विरोध में बीएचयू छात्रों ने कुलपति को ज्ञापन सौंपा।


आज दिनांक बीएचयू छात्रों ने कैंपस में दुकानदारों के किराया वृद्धि के विरोध में कुलपति  के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि सम्पदा कार्यालय कुलसचिव(बीएचयू) की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार
 1- विवि परिसर में स्थित दुकानों का किराया 20 रु प्रति वर्गफीट की दर से बढ़ाया गया है।
2- V.T., IMS आदि के अलावे 10 रु की दर रखी गयी है।3 - पत्र में 5% प्रतिवर्ष की दर से वृद्धि की भी बात कही गयी है। 
4 - पिछले बकाये का भुगतान 10 दिन अंदर अनिवार्य रूप से करने के आदेश के साथ ही लाइसेंस नवीनीकरण के लिए बकाया भुगतान को एक अनिवार्य शर्त जैसी भाषा भी उपयोग की गयी है।
छात्रों ने ज्ञापन के द्वारा कहा गया कि पिछले एक वर्ष से कुलपति के आदेश से परिसर बंद है। कुलपति के ही आदेश से दुकानें खुली नहीं हैं। रोजगार के आंकड़े न केवल परिसर में बल्कि पुरे देश में बुरे हाल में है। लोगबाग किस तरह से अपना परिवार चला रहे है ये आठवें वेतनमान के सपने बुन रहा सरकारी कारिंदा समझने में बार बार भूल कर जा रहा है। ये परिपत्र और इसकी भाषा न केवल अमानवीय है , बल्कि विधिविरुद्ध भी प्रतीत हो रही है। 

कुलपति से मांग की गई कि दुकाने आपके आदेश से बंद की गयी है तो उक्त अवधि का किराया मांगना किस प्रकार से जायज़ कहा जा सकता है ?देश में कोविड के बढ़ते आंकड़े , छात्रों को घर वापस भेजे जाने के निर्देश , परिसर में जन आवागमन में कमी और आंशिक बंदी के बीच पूर्ण बंदी की सुगबुगाहट के समय में 20 रु प्रति वर्गफीट की दर और 5% की वार्षिक ग्रोथ असहनीय दंड जैसा प्रतीत हो रहा है। अतः तत्काल प्रभाव से ये जनहित विरोधी परिपत्र वापस लें।
        ज्ञापन देने में मुख्य रूप से अनुष्का, जय, मिथिलेश, मुरारी, विवेक, विवेक कुमार,नीरज,राजेश,विवेक आदि छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

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