कालाजार की पहली वैक्सीन की खोज IIT BHU के वैज्ञानिक ने की ,वैक्सीन प्री-क्लिनिकल परीक्षण में हुआ सफल

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आईआईटी बीएचयू  और चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के वैज्ञानिकों ने मिलकर कालाजार जैसी संक्रामक बीमारी का वैक्सीन का सफल परीक्षण किया है। कालाजार विश्व के बड़े बड़े देश संयुक्त राज्य अमेरिका, एशिया, यूरोप आदि के देशों में यह एक भयंकर बीमारी के रूप में है।  इस समस्या को निपटने के लिए विश्व के वैज्ञानिक भी वैक्सीन बनाने के लिए प्रयासरत है इसी के क्रम में बीएचयू के वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। कालाजार के वैक्सीन का प्री-क्लिनिकल टेस्ट के तहत पहला परीक्षण चूहों पर किया गया जिसमें संक्रमित में चूहा से ठीक हो गया।

कालाजार विश्व की एक गंभीर बीमारी के रूप में फैला हुआ है।जिसका निवारण के लिए आईआईटी बीएचयू कालाजार की पहली वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया में है, और वैक्सीन का प्री-क्लिनिकल टेस्ट भी पूरा हो चुका है। प्री- क्लिनिकल टेस्ट में चूहों पर किया गया है,टेस्ट सफल रहा है।

क्लीनिकल  टेस्ट में संक्रमित चूहे जिनको टीका लगाया गया है उनके यकृत और प्लीहा अंगों में कालाजार के परजीवी काफी कम संख्या में देखी गई जिससे यह पता चला यह वैक्सीन काफी कारगर है। वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार उन्होंने बताया कि यह वैक्सीन कालाजार की बीमारी का सबसे प्रमुख कालाजार का लिशमैनिया परजीवी के संक्रमण को काफी प्रभावी ढंग से रोकता है, और उनकी संख्या को कम करता है।  विश्व की प्रतिष्ठित पत्रिका 'सेल्यूलर इम्यूनोलॉजी' में यह शोध प्रकाशित हुआ है।अब वैज्ञानिक इसे इंसानों पर क्लीनिकल ट्रायल करने की प्रक्रिया में आगे बढेंगे।

इस वैक्सीन की टीम में आईआईटी बीएचयू  बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर विकास कुमार दुबे और उनके साथ शोधार्थी नेशनल पोस्ट डॉक्टोरल सुनीता यादव हैं। उसके साथ चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर श्यामसुंदर टीम का हिस्सा हैं प्रो विकास दुबे ने यह बताया कि कालाजार जैसी गंभीर बीमारी का इलाज कुछ दवाओं पर निर्भर रहता है। जिसके कारण काफी दिक्कतें होता है जो डब्ल्यूएचओ के कालाजार का पूर्ण उन्मूलन प्रोग्राम के लिए काफी चिंता का विषय है।

प्रोफ़ेसर विकास दुबे के अनुसार किसी भी संक्रामक रोग से लड़ने के लिए वैक्सीन सबसे ज्यादा कारगर है। टीकाकरण से रोगों से लड़ने की क्षमता काफी बढ़ जाता है। वैक्सीन हमारे प्रतिरोधक तंत्र को संक्रामक रोगों से लड़ने के लिए प्रशिक्षित करता है,और उनका इम्यूनिटी पावर बढ़ाता है। प्रतिरक्षा कोशिकाओं को उत्तेजित करता है बीमारी  को रोकने के लिए और शरीर में सैंटोकिन्स,एंटीबॉडी और रोगों से लड़ने वाले सक्रिय अनु को  उत्पन्न करता है। वैक्सीन संक्रमण को रोकने में सफल होता है किसी भी संक्रामक रोग को पूर्णकालिक सुरक्षा प्रदान करने में वैक्सीन कारगर होता है । वैक्सीन के अनु सामूहिक रूप से रोग पर आक्रमण करता है और रोग को फैलने से रोकता है।


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