एनएसयूआई बीएचयू और प्रोफेशनल कांग्रेस के संयुक्त तत्वाधान में स्वामी विवेकानंद की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर “स्वामी विवेकानंद की नज़र में राष्ट्रवाद और वसुधैव कुटुम्बकम” विषय पर विश्वविद्यालय परिसर में संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी के दौरान स्वामी विवेकानंद और महामना मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का आरंभ किया गया और विश्वविद्यालय परिसर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव पारित किया गया साथ ही राष्ट्रवाद और समावेशी धर्म पर उनके विचारों पर चर्चा की गयी।
प्रोफेसर महेश विक्रम सिंह ने कहा कि,“ स्वामी विवेकानंद केवल एक संन्यासी मात्र ही नही थे अपितु वह एक युगद्रष्टा थें, उनका राष्ट्रवाद समावेशी और करुणामय था, उनकी इच्छा थी कि सेवाभाव, त्याग और अध्यात्म को राष्ट्रवाद समझा जाए। उनके शिकागो भाषण में आत्मीयता और करुणा की भावना वास्तव में वसुधैव कुटुम्बकम की प्राचीन भारतीय धारणा को फलीभूत किया।”
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि,“ आज आवश्यकता है कि युवा और छात्र स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेकर समाज का नेतृत्व करें और उनके समावेशी हिन्दू धर्म की परिकल्पना के साथ समाज की दिशा निर्धारित करें।”
कार्यक्रम का संचालन विक्रांत सिंह ने किया।
कार्यक्रम के दौरान अंशु मिश्रा , सौरभ यादव, धनंजय त्रिपाठी,श्याम बाबू मौर्या, दीपक राजगुरु, अभिनव मणि त्रिपाठी, अनिक देव सिंह, जगन्नाथ दुबे, शिवम शुक्ला, राणा रोहित, सनी सिंह, रोशन सिंह, शिवेंद्र शर्मा, विशाल चौबे, बेबी पटेल, गौरव राव,विकास सिंह, प्रिंस पाण्डेय आदि छात्र मौजूद रहे।
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