BHU का कमाल :- एक मांगी गई RTI में मृत प्रोफेसर को लोक सूचना अधिकारी बन दिया गया

BHU का कमाल :- एक मांगी गई RTI में मृत प्रोफेसर को लोक सूचना अधिकारी बन दिया गया



● काशी हिंदू विश्वविद्यालय में लोक सूचना अधिकार के तहत एक आवेदन में कुछ अलग तरह का ही कमाल बीएचयू ने कर दिखाया। आरटीआई आवेदन कर्ता ने बीएचयू से जुड़े एक प्रोजेक्ट की जानकारी मांगी थी, तो काशी हिंदू विश्वविद्यालय के अधिकारी ने गजब का कारनामा दिखाया । उन्होंने केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी ऐसे व्यक्ति को बना दिए जो इस दुनिया में अब नहीं रहे। पिछले साल अप्रैल महीने में  बीएचयू के जियोफिजिक्स विभाग के प्रोफेसर नागेंद्र प्रताप सिंह की स्वर्गवास हो गया है,पर बीएचयू के अधिकारी ने एक आरटीआई के जवाब के लिए उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को सुपुर्द किया जो अब इस दुनिया में नहीं रहे । उन्होंने स्वर्गीय प्रोफेसर नागेंद्र प्रताप सिंह को जवाब देने के लिए  लोक सूचना कार्यकारी बनाया। इतना ही नहीं आरटीआई में विश्वविद्यालय ने स्वर्गीय प्रोफेसर नागेंद्र प्रताप  का नंबर भी दिया । आरटीआई के आवेदन कर्ता ने जब उस नंबर पर फोन किया तो प्रोफेसर के घर वालों से बात हुई और जब उनको यह बात पता चला कि अब उनका स्वर्गवास हो चुका है तब उन्हें घरवालों से माफी मांगनी पड़ी।



दरसल आरटीआई आवेदन में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कई अन्य विभागों से जुड़ी जानकारी मांगी गई थी। जिसमें कई अन्य लोक सूचना अधिकारी भी बनाए गए थे जिनमें से कई के जवाब नहीं मिले। आरटीआई आवेदन कर्ता ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में चल रहे एक प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी मांगी, जिसके उत्तर में विश्वविद्यालय के अधिकारी द्वारा कहा गया कि उक्त प्रोफेसर के नाम से कोई भी प्रोजेक्ट सक्रिय नहीं है जबकि अन्य लोगों के द्वारा कहा जा रहा है कि वह प्रोजेक्ट करीब डेढ़ से दो महीने पहले आया था, और उसके नाम पर विज्ञापन भी निकला था और एक लोगों की पद पर नियुक्ति भी हुई थी। उसके अलावा आरटीआई आवेदन कर्ता ने कई सारे अन्य सवाल भी पूछे थे जिसका जवाब अभी तक काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सूचना अधिकारी के तरफ से नहीं आया और वह अपने सवालों के जवाब के लिए इंतजार कर रहे हैं।

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