एनएसयूआई बीएचयू द्वारा नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती के अवसर पर “सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती और समकालीन व्यक्तित्व” विषयक संगोष्ठी विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित की गई।

NSUI BHU
नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते NSUI के कार्यकर्ता

एनएसयूआई बीएचयू द्वारा नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती के अवसर पर “सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती और समकालीन व्यक्तित्व” विषयक संगोष्ठी विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित की गई। संगोष्ठी के दौरान नेताजी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का आरंभ किया गया और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के समकालीन नायकों के साथ उनके संबंधों पर चर्चा की गयी।



इस दौरान इकाई अध्यक्ष विक्रांत सिंह ने कहा कि,“ सुभाषचंद्र बोस ने पूरा जीवन साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ने में बिता दिया और आज वहीं ताकतें उनकी विरासत को हड़पने का कुत्सित प्रयास कर रही हैं, असल टुकड़े टुकड़े गैंग तो वो लोग थें जिन्होंने बंगाल में मुस्लिम लीग के साथ मिल कर भारत छोड़ो आंदोलन को कुचलने की योजना बनाई।”


डॉ विकास सिंह ने कहा कि,“ नेताजी का व्यक्तित्व बहुआयामी है, फरवरी 1938 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के हरिपुरा अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कहा था कि स्वतंत्र भारत की सरकार को सबसे पहले देश में मौजूद विकराल गरीबी से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर योजना बनाने के लिए एक आयोग बनाना होगा। 

उस वक्त उन्होंने कांग्रेस की एक शाखा के तौर पर राष्ट्रीय नियोजन समिति बनाई, जिसके अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे, पंडित जवाहरलाल नेहरू, जो कि बाद में स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री, और मार्च 1950 को गठित देश के पहले योजना आयोग के अध्यक्ष भी । योजना आयोग के स्थापना का श्रेय सुभाष बाबू और नेहरू जी को जाता है और वर्तमान सरकार ने उसी योजना आयोग को समाप्त कर के सुभाष बाबू के योगदान के साथ क्रूर मजाक किया है।”


कार्यक्रम का संचालन राणा रोहित ने किया और अध्यक्षता विक्रान्त सिंह ने की।

कार्यक्रम के दौरान अभिनव मणि त्रिपाठी, अनिक देव सिंह, रितेश सिंह, कपीश्वर मिश्र, ओमप्रकाश, रौशन सिंह, लेखराज, छविंद्र नाथ, आदि छात्र मौजूद रहें।

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