बीएचयू प्रवेश परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा के विरोध में सत्याग्रह पर बैठे छात्र ने किया मांगपत्र जारी!

                   
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में COVID महामारी के दौरान प्रवेश परीक्षाओं की तिथियां घोषित करने के विरोध में दिनांक 13 अगस्त 2020 से बीएचयू छात्र संघ भवन पर सत्याग्रह चल रहा है। जब हिंदुस्तान में कोरोना से प्रभावित होने वाले मरीजों की संख्या 25 लाख पार कर चुकी है व संक्रमण से मरने वालों की सँख्या 50 हज़ार पहुँच रही है ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लाखों परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों तक बुलाने के लिए मजबूर करना न्यायसंगत नहीं है। बिहार, असम के कई ज़िले अभी बाढ़ग्रस्त हैं तथा देश में नियमित रेलवे व बस सुविधा बाधित है ऐसी स्थिति में प्रवेश परीक्षा कराना विद्यर्थियों व उनके परिजनों के स्वास्थ् के साथ खिलवाड़ है। इसमें हमारा ये स्पष्ट रूप से मानना है कि COVID महामारी के नियंत्रण के स्थिति में आने तक विश्वविद्यालय प्रशासन को सभी परिक्षाएं स्थगित रखनी चाहिए। विश्वविद्यालय प्रशासन से साथ ही ये निवेदन है कि 2020-21 सत्र के पहले सेमेस्टर के पाठ्यक्रम को महामारी की गम्भीरता को देखते हुए अन्य बचे सेमेस्टर में पूरा करने की दिशा में प्रयास करें।

क़ाशी हिन्दू विश्वविद्यालय Institute of Eminence का दर्जा प्राप्त हिंदुस्तान के शीर्ष केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एक है। विश्वविद्यालय की स्नातक व स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा के लिए इस साल देश भर से 12500 सीटों के लिए 5.25 लाख से अधिक आवेदन हुए हैं जिसमें स्नातक के लिए 3 लाख 75 हज़ार व स्नातकोत्तर के लिए 1 लाख 50 हज़ार आवदेन हुए जिसे कुल 202 परीक्षा केंद्रों पर कराया जाना है। परीक्षा में बैठने वाले सभी परीक्षार्थियों के स्वास्थ की ज़िम्मेदारी पूर्ण रूप से विश्वविद्यालय प्रशासन की बनती है। विश्वविद्यालय प्रशासन को परीक्षार्थियों के आवागमन से जुड़े स्वास्थ् सम्बंधित खतरों को न्यूनतम स्तर पर ले गए बिना प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं करनी चाहिए। 
क़ाशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन ने तमाम समस्याओं एवं संक्रमण के खतरे को नज़रअंदाज़ करते हुए 24 अगस्त से शुरू होने वाले स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के विभिन्न कोर्स के प्रवेश पत्र 15 अगस्त के बाद बांटने की घोषणा कर दी है। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन से हमारी ये मांग हैं कि कोरोना महामारी के खतरे व वर्तमान में रेल व बस सेवा सुचारू रूप से न चलने की स्थिति में विश्वविद्यालय प्रशासन सभी ज़िलों में परीक्षा केंद्र सुनिश्चित करे ताकि किसी भी परीक्षार्थी को अपने ज़िले से बाहर परीक्षा देने न जाना पड़े। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन NIC (National Informatics Centre) की मदद ले सकता है और देश के सभी ज़िलों के DISTRICT CENTRES को परीक्षा केंद्र बनाने पर विचार कर सकता है। DM को जिला स्तर पर NODAL OFFICER बनाया जाए जिससे परीक्षार्थियों का जिले के बाहर न जाना सुनिश्चित हो और DM की अगुवाई में परीक्षा की शुचिता भी बनी रहे। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन एक PANDEMIC EXPERT COMMITTEE बनाए जो परीक्षा केंद्रों पर Sanitisation, Social Distancing सहित सरकार द्वारा जारी सभी प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करे व प्रति परीक्षा केंद्र परीक्षार्थियों की सँख्या निर्धारित करे ताकि परीक्षा केन्द्रों पर भीड़ न जुटे व संक्रमण का न्यूनतम खतरा हो। कमिटी की फाइंडिंग और संस्तुति का प्रवेश परीक्षा व कॉउंसलिंग सम्बंधित गतिविधियों में अनुपालन किया जाए।

अंततः जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन प्रवेश परीक्षाओं के लिए ज़रूरी इन स्वास्थ् सम्बंधित तैयारियों को सुनिश्चित नहीं करता तब तक सत्याग्रह जारी रहेगा।

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