जॉइंट एक्शन कमिटी द्वारा दिनांक 11/08/2020 को कुलपति को ज्ञापन सौंपा गया था जिसमें उनसे 24 घण्टे की समय सीमा के भीतर दिनांक 08/08/2020 को जारी हुई अधिसूचना जिसमें दिनांक 24/08/2020 से देश के सभी परीक्षा केन्द्रों पर स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षा कराने की बात कही थी समेत सभी प्रकार की आयोजित होने वाली परीक्षा को महामारी की गम्भीरता को देखते हुए निरस्त करने की मांग की गई थी। समय सीमा समाप्त होने के बाद भी इस मामले को गंभीरता से न लिया जाना दुःखद है व प्रशासन के इस मामले में बरती जा रही लापरवाही को दर्शाता है।
दुनिया भर में कोविड 19 महामारी की वजह से सभी शिक्षण संस्थान बन्द हैं, भारत में भी IIT जैसे संस्थानों ने दिसम्बर तक नियमित कक्षाएं टाल दी है, नए सत्र की परीक्षा अभी भी लम्बित है ऐसे में क़ाशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रवेश परीक्षा कराने की जल्दबाज़ी तर्कसंगत नहीं है। भारत में आज कोरोना संक्रमितों की संख्या 24 लाख तक पहुच गयी हैं और 40 हजार लोगों ने अपनी जान गवाई है। रोजाना लगभग 65000 नए केस आ रहें हैं तथा हजार मौतें हो रही है। ऐसी स्थिति में प्रवेश परीक्षा करा लेने के बाद भी जब अगले कुछ महीने किसी भी सूरत में नियमित कक्षाएं चलनी सम्भव नहीं है तो प्रशासन की ये बेचैनी समझ के बाहर है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने लाखों परीक्षार्थियों को वैश्विक महामारी के दौरान अपने स्वास्थ को खतरे में डालकर सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा कर के परीक्षा देने के लिए बाध्य करने से पहले उनकी कोई राय नहीं ली और अगस्त के आखिरी हफ्ते से शुरू होकर सितम्बर के दूसरे हफ्ते तक होने वाली परीक्षा की समय सारणी भी जारी कर दी है।
महामारी के कारण कई राज्यों ने लॉक डाउन 32 अगस्त तक बढ़ा दिया है तथा रेलवे-बस की अनियमित संचालन यात्रायत को प्रभावित कर रहा है। बिहार, असम समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश में बाढ़ महामारी के साथ-साथ दोहरी आपदा बन आयी है। बाढ़ से प्रभावित करोड़ों लोग का जिसमें परीक्षार्थी भी शामिल हैं जीवन यापन अस्त व्यस्त हो गया है। कई पलायन को मजबूर है। ऐसे में सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा महामारी के दौरान जबर्दस्ती परीक्षा लेना परीक्षार्थियों का शारीरिक-मानसिक शोषण है।
ऐसी परिस्थिति में जब विश्वविद्यालय प्रशासन हमारी मांगो को नजरअंदाज कर रहा है, आज दिनांक 13 अगस्त 2020 को शाम 5 बजे से जॉइंट एक्शन कमिटी के सदस्य नीरज राय covid 19 महामारी संक्रमण को ध्यान में रखते हुये अकेले छात्र अधिष्ठाता भवन (DSW, BHU) पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ चुके हैं।
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