भारत में इंटरनेट तथा डिजिटल इंडिया:- आशुतोष मिश्रा

भारत में इंटरनेट तथा डिजिटल इंडिया 
                  लेखक-आशुतोष मिश्रा
                  छात्र-काशी हिंदू विश्वविद्यालय

             
●आज हम जिस विषय पर चर्चा करने वाले है वह है भारत में इंटरनेट की शुरुवात और डिजिटल इंडिया स्किम का उस पर प्रभाव । 
●भारत में इंटरनेट सेवा 15 अगस्त 1995 तब आरंभ हुई जब विदेश संचार निगम लिमिटेड ने अपनी टेलीफोन लाइन के जरिये दुनिया के अन्य कंप्यूटर से भारतीय कंप्यूटर को जोड़ दिया गया । उस वक्त इंटरनेट की स्पीड 9 से 10 kbps थी । 
●इसी साल देश की पहली साइट इंडिया वर्ल्ड डॉट कॉम आरंभ हुई ।
●इसके साथ रेडिफ डॉट कॉम और इंडिया टाइम्स डॉट भी आरंभ हुई ।
●शुरुवाती दौर में इंटरनेट का उपयोग सिर्फ महत्वपूर्ण जानकारियों के आदान प्रदान के लिये किया जाता था इसके अलावा कुछ बड़े कॉलेज और संस्थान में प्रयोग होता था।

भारत में 2000 के बाद से इंटरनेट यूज़र्स  की संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी।


●वर्ष 2010 तक भारत की कुल जनसंख्या  1,15,00,00,000 थी तब इंटरनेट यूजर्स की संख्या 8,10,00,000 थी। 
● वर्ष 2015 में कुल जनसंख्या 1,25,60,00,000 थी तब इंटरनेट यूजर्स की संख्या 35,00,00,000


● मार्च 2020 तक  भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट उपभोक्ता की संख्या शहरों से भी अधिक हो गई ।
मार्च 2020 इंटरनेट मोबाइल असोसिएशन ऑफ इंडिया और नेल्सन के आंकड़ों के अनुसार भारत में इंटरनेट उपभोक्ता की संख्या 503,000,000 (503 मिलियन)हो गई है जो कि इंटरनेट उपभोक्ता के मामले में चीन के बाद दूसरे नम्बर पर है।

● इंटरनेट मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया और नेल्सन  2020 के आकड़ो को हम देखे तो पाएंगे कि  भारत में डिजिटलीकरण का बड़ा प्रभाव  ग्रामीण  
क्षेत्र पर पड़ा है ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट उपभोक्ता की संख्या 227,000,000 (227 मिलियन) हो गई है जबकि शहरों में 205,000,000(205 मिलियन )हो गई है

● इन्ही आंकड़ों को देखने पर पता चलता है कि 5 से 11 साल के बच्चे भी इंटरनेट का प्रयोग कर रहे है जिनकी संख्या 71,000,000 (71 मिलियन)
हैं
● इन्हीं आंकड़ों में महिला और पुरूष उपभोक्ता की बात भी की गई भारत में कुल इंटरनेट उपभोक्ता में से 65% उपभोक्ता पुरुष तथा 35% उपभोक्ता महिलाएं है 

 भारत में जनवरी  2019 तक अलग-अलग सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर  सक्रिय  लोगों के आंकड़े।


इंटरनेट पर डिजिटल इंडिया का प्रभाव-
● डिजिटल इंडिया की शुरुआत दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में 1 जुलाई 2015 को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा शुरू किया गया था।

●डिजिटल इंडिया स्कीम के कारण इंटरनेट के माध्यम से डिजिटल लेनदेन 2016 में 108.7 लाख करोड़ रुपये था जो 2018 में 88% बढ़कर 204.86 लाख करोड़ हो गया ( वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट 2018 के अनुसार)

●डिजिटल एप के जरिये लेन-देन  बढ़ोतरी-: अक्टूबर 2016 में डिजिटल ऐप के जरिए 48 करोड़ रुपए का  लेनदेन था । वही अक्टूबर 2018  के भीम और यूपीआई आधारित डिजिटल ऐप से लेनदेन 74,978.2  करोड़ रुपये की रही।

● पिछले 4 सालों के दौरान  केंद सरकार ने दर्जनों डिजिटल ऐप जारी किए । इन डिजिटल ऐप में से ज्यादातर आम आदमी के जीवन को आसान बनाने के लिए जारी किए गए है इनमें से मुख्य है -उमंग,एम कवच, भीम,सुखद यात्रा , डिजिटल लॉकर, मेरा अस्पताल,GST रेट फाइंडर, IRCTC कनेक्ट और my Gov आदि।

●भारत, वियतमान को पछाड़कर 2017 में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन उत्पादक देश बन गया है।
● इंटरनेट मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया और नेल्सन  2020 के आकड़ो को हम देखे तो पाएंगे कि  भारत में डिजिटलीकरण का बड़ा प्रभाव  ग्रामीण  
क्षेत्र पर पड़ा है ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट उपभोक्ता की संख्या 227,000,000 (227 मिलियन) हो गई है जबकि शहरों में 205,000,000(205 मिलियन )हो गई
●इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में इंटरनेट की दुनिया अभी भी पुरुष प्रधान है। भारत में लगभग 17.60 करोड़ महिलाएँ  इंटरनेट इस्तेमाल कर रही हैं, जो देश में कुल इंटरनेट यूज़र्स की संख्या का लगभग 35 प्रतिशत  है।
● डिजिटल इंडिया का प्रभाव शहरी क्षेत्र की महिलाओं  पर पड़ा जहाँ अब 40% महिलाएं इंटरनेट प्रयोग करती है और 60% पुरूष ग्रामीण क्षेत्र में भी कुछ बदलाव आया है ग्रामीण क्षेत्रों में 69% पुरूष और 31% महिलाएं है।

●असोसिएशन ऑफ इंडिया और नेल्सन के आंकड़ों के अनुसार भारत में इंटरनेट उपभोक्ता की संख्या 503,000,000 (503 मिलियन)हो गई है

●18 फरवरी 2020 (भाषा) प्रौद्योगिकी कंपनी सिस्को ने मंगलवार को कहा कि 2023 तक इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ कर 90.7 करोड़ तक पहुंच जाएगी
                  

निष्कर्ष- भारत 503 (मिलियन) ,चीन(850मिलियन) के बाद इंटरनेट उपभोक्ता में दूसरे स्थान पर ,अगर भारत में महिलाओं की सहभागिता बढ़ जाए तो हम चीन को भी पीछे छोड़ देंगे, डिजिटल इंडिया का प्रभाव पूरे भारत पर पड़ा ,विमुद्रीकरण के बाद से भारत में डिजिटल पेमेंट में बढ़ोतरी दर्ज की गई ।
                 ✍️© आशुतोष मिश्रा

लेखक वर्तमान में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विधि संकाय में लॉ के छात्र के रूप में अध्ययनरत हैं। कानून के को आम भाषा में लोगो के बीच ला कर लोगो को कानून के प्रति जागरूक कर रहें हैं। उसके साथ सामाजिक कार्य से जुड़े रहते हुए स्वतंत्र लेखन कर रहें हैं ।



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