चीन की कायराना हरकत पर 'अनुराग पांडेय" की कविता..

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सिंह  गर्जना  वाली   धरती   बिल्कुल  मौन  नही  होगी!
शकुनी  की  चालों  में  फस  कर  देखो द्रोण नही होगी!!

जब महाकाल निज नयन तीसरा डमरू के संग खोलेगा!
पाकिस्तान  के  संग  चीन  भी  भारत  की जय बोलेगा!!

बिना  शीश  के  धड़  लड़ते  थे  अपनी थी पहचान यही!
खेल-खेल  में  सूरज  को  भी  लील  गए  हनुमान यही!!

पन्नाधाय  ने  मोह  त्याग  कर  पुत्र  किया  था दान यही!
प्राण  जाय  पर  वचन  न  जाये हिन्दोस्तानी शान यही!!

सत्तर  साल  की  आयु  में  जो  गुर्राया  वो  जफ़र हुआ!
जिससे  ब्रिटिश  समूचा  काँपा भगत सिंह सा शेर हुआ!!

झुका  नही  जो  शीश  यहाँ  पर  राणा  का वो तेवर था!
हाथ  नही  दुश्मन  के  आया  वो  अलबेला  शेखर  था!!

याद  करो  जब  पूरे  विश्व मे ब्रिटिश राज्य का दंगल था!
जिसने  गोरों  को  ललकारा  वो  महाबली वो मंगल था!!

कहा  अभी  खप्पर  भरने  रण   चण्डी  प्यासी  आएगी!
रक्त  फिरंगी  का  ले  कर  वो  अपनी  प्यास बु झाएगी!!

नही  सहन  कर  सकता  हूँ  मै  आर-पार  हो  जाने  दो!
हिन्दोस्तानी  शेर   हूँ  मुझको   दुश्मन   से  टकराने  दो!!

गुर्राकर  वह  टूट  पड़ा  भृगुटी   को  अपने  तान  लिया!
खुद  की  जान  गवाई पर हम सबको हिन्दोस्तान दिया!!

ऐसे  वीरो  की   धरती   अब  बाँझ  नही  हो  सकती  है!
हम  घर  ठान लिए तो चीन की साँझ नही हो सकती है!!

हे!  आर्यों  के  अमर  पुरोधा  उठो  नया इतिहास लिखों!
दुश्मन  शक्ति  परीक्षण लेगा काल नही महाकाल दिखो!!

अय्यरे-  गयरे    नत्थू - ख़ैरे   सारे   आँख    दिखाते.  है!
जिसको  हमने  जन्म   दिया  वो   हमपर  ही  गुर्राते  है!!

वक्ष  चिर  दो  दुश्मन  का  और  लाज रखो परिपाटी की!
दुनिया  को  इतिहास  बता   दो  हिन्दोस्तानी  माटी  की!!

महाकाल  बन  जाओ  तुम   अब  शत्रु  का  संघार  करो!
दुश्मन का सर काट-काट कर खाली अब शमशान भरो!!

माँ  काली  प्यासी  बैठी  है  उसकी  प्यास  बुझाओ  तुम!
अरिदल  का शोणित ले कर के उसको अर्घ चढ़ाओ तुम!!

तुम  नये  समय  के अर्जुन हो मै केशव बन कर आया हूँ!
गीता  का   उपदेश   नही   मै  चक्र  उठा  कर  लाया  हूँ!!

बहुत  हो  चूकि  शान्ति  वार्ता  अब खुल कर ऐलान करो!
रावल- पिंडी  छोड़  कराची  चीन  तलक  प्रस्थान  करो!!

दुश्मन  से  टकरा  जाओ  प्यासी  चण्डी  को  तृप्त  करो!
शघाई  का  शीश  काट  लो  भारत  माँ  को  मुक्त  करो!!

                 ✍️©रचनाकार:- अनुराग पांडेय

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