मुझे लंका BHU जाना है.......:- शिखा मौर्या

मुझे लंका BHU जाना है
चाहूं फिर से अस्सी की चाय नशा जैसी लगे
फिर से चौराहे पर घूमती गाय दोस्त जैसी मिले,
फिर मिले भीड़ उस सिंह द्वार पर
जहाँ सब हक़ मांगते है सब कुछ त्याग कर,
वही फिर थोड़ा सा आगे है मेरा आशियाना
जिसकी छांव में चाहूं पूरा जीवन बिताना,
फिर से चाहती हूं सुंदरलाल में जाने को
घंटों खड़े होकर नम्बर लगाने को,
यहाँ की पर्ची health center दिखाने को
फिर से किसी भी मर्ज़ में एक ही दवा पाने को,
फिर से खींचे VT के छोले समोसे की वो सोंधी खुश्बू
जिसके लिए दिन में चार बार library जाना है,
फिर से मधुर मनोहर का कलरव गाना है
फिर से सर्वविद्या की राजधानी के दर्शन पाना है
मुझे लंका BHU जाना है
मुझे लंका BHU जाना है.....

                ✍️© शिखा मौर्या
                महिला महाविद्यालय 
             काशी हिन्दू विश्वविद्यालय

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