BHU में फूटा गुस्सा: एंजेल चकमा की हत्या पर छात्रों की श्रद्धांजलि सभा, कहा- 'पूर्वोत्तर के खिलाफ नस्लभेद और नफरत अब बर्दाश्त नहीं'
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) के छात्रों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब बात न्याय और मानवीय मूल्यों की आती है, तो वे चुप नहीं बैठते।
देहरादून में एमबीए (MBA) की पढ़ाई कर रहे त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा (Angel Chakma) की निर्मम हत्या के विरोध में आज (31 दिसंबर) BHU परिसर में एक शोक सभा और विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया। छात्रों ने नम आंखों से दिवंगत साथी को श्रद्धांजलि दी और इस घटना को 'लोकतंत्र पर धब्बा' बताया।
🕯️ "नस्ल के आधार पर नफरत क्यों?"
श्रद्धांजलि सभा में माहौल बेहद गमगीन और आक्रोश से भरा था। वहां मौजूद छात्र बाजोम ने कहा कि एंजेल चकमा की हत्या किसी साधारण अपराध का नतीजा नहीं, बल्कि नस्लवादी टिप्पणी और नफरत से प्रेरित है। यह घटना हमारे देश के धर्मनिरपेक्ष और मानवीय मूल्यों पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
वहीं, छात्र लोकी ने एक बहुत ही भावुक बात कही, जो हर भारतीय को समझनी चाहिए:
"भारत हर भारतीय का है, चाहे वह पूर्वोत्तर (North East) से हो या देश के किसी अन्य हिस्से से। किसी भी नागरिक को उसकी शक्ल, पहचान या राज्य के आधार पर नफरत का शिकार नहीं बनाना चाहिए।"
😡 नफरत की राजनीति पर उठाए सवाल
छात्रों ने इस घटना के लिए सिस्टम और राजनीतिक माहौल को भी जिम्मेदार ठहराया। छात्र राहुल ने आरोप लगाया कि मौजूदा दौर में धर्म, जाति और नस्ल के नाम पर हिंसा को बढ़ावा मिल रहा है और एंजेल की हत्या उसी नफरत की राजनीति का परिणाम है।
छात्र तकुंग ने कहा, "नॉर्थईस्ट भारत का अभिन्न हिस्सा है। एंजेल चकमा की हत्या नफरत ने की है और अन्याय सिस्टम की चुप्पी ने किया है।" छात्रों ने सरकार से सीधे सवाल करते हुए मांग की कि पूर्वोत्तर के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
⚖️ BHU के छात्रों की मांगें
•दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद, छात्रों ने एक स्वर में प्रशासन और सरकार से निम्नलिखित मांगें कीं:
- एंजेल चकमा की हत्या की निष्पक्ष और त्वरित जांच हो।
- दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
- मामले को दबाने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो।
- देश भर में शिक्षण संस्थानों में नस्लीय भेदभाव के खिलाफ सख्त कानून और सुरक्षा व्यवस्था लागू हो।
- ये रहे उपस्थित
इस श्रद्धांजलि और विरोध सभा में मुख्य रूप से सुन्नीसो, देघु, बाजोम, काहे, मोहीप्सो, लोकी, एग्येन, तकुंग, बोई, रेनामसो, शिवम, सागरिका, अस्मित कन्नौजिया, निक्कू पटेल, सत्यम यादव, मुरारी, वंदना, साक्षी, राहुल और अर्पित समेत बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए।

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