भारत को डिजिटल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में IIT BHU और अमेरिका स्थित Saras AI Institute ने एक अहम समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य AI शिक्षा को व्यापक, सरल और प्रैक्टिकल बनाना है, ताकि हर स्ट्रीम का छात्र इस तकनीकी क्रांति का हिस्सा बन सके।
MoU के तहत दोनों संस्थान मिलकर 'Power of AI' नामक एक आठ सप्ताह का विशेष कोर्स शुरू करेंगे। यह कोर्स इंजीनियरिंग, ह्यूमैनिटीज़ या किसी भी अन्य स्ट्रीम के छात्रों के लिए खुला रहेगा। इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसमें कोडिंग या कठिन गणित की कोई अनिवार्यता नहीं होगी। यह कोर्स पूरी तरह प्रोजेक्ट-बेस्ड होगा, जिसमें छात्र व्यावहारिक कौशल सीखेंगे और वास्तविक जीवन की समस्याओं पर काम करेंगे।
IIT BHU के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने बताया कि Saras के साथ यह साझेदारी छात्रों को AI के क्षेत्र में बेहतर अवसर देगी। उन्होंने कहा कि इस कोर्स के ज़रिए हम शिक्षा को सैद्धांतिक से व्यावहारिक की ओर ले जा रहे हैं और AI को सभी विषयों के छात्रों के लिए सुलभ बना रहे हैं।
Saras AI के COO और सह-संस्थापक अमित कटारिया ने कहा कि यह साझेदारी केवल AI सिखाने तक सीमित नहीं है, बल्कि छात्रों को इस डिजिटल युग में नेतृत्व के लिए तैयार करने का माध्यम है। Chief Student Success Officer शैलेश कुमार ने कहा कि यह पहल छात्रों के अनुभव को नई ऊँचाइयों तक ले जाने वाली है।
इस MoU के अंतर्गत एक अत्याधुनिक AI प्लेटफॉर्म 'AI Evaluator' भी विकसित किया जाएगा, जो छात्रों की सीखने की प्रक्रिया को रियल टाइम में ट्रैक करेगा और उन्हें पर्सनल फीडबैक प्रदान करेगा।
छात्रों को AI में Minor डिग्री, Associate डिग्री और इंडस्ट्री-सर्टिफाइड कोर्सेज़ भी ऑफर किए जाएंगे, जो पूरी तरह डिजिटल मोड में उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, संयुक्त अनुसंधान, हैकथॉन, वर्कशॉप्स और गेस्ट लेक्चर जैसी गतिविधियां भी इस सहयोग का हिस्सा होंगी।
Saras AI यह मानता है कि भारत की AI लीडरशिप केवल तकनीकी क्षमता से नहीं, बल्कि नैतिकता और सामाजिक ज़िम्मेदारी से भी बनेगी। इसलिए सभी कोर्स में मूल्यों और समाजिक जिम्मेदारी को विशेष महत्व दिया जाएगा।
IIT BHU और Saras AI की यह साझेदारी भारतीय शिक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू कर रही है, जो छात्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी और भारत को AI में अग्रणी राष्ट्र बनने की दिशा में मजबूत कदम दिलाएगी।
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