IIT BHU की टीम AVERERA का शेल इको-मैराथन 2025 में शानदार प्रदर्शन, दो बड़े अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड जीते

"IIT BHU's Team AVERERA Creates History on Global Stage"



IIT BHU की टीम AVERERA ने ग्लोबल मंच पर रचा इतिहास

IIT BHU वाराणसी की छात्र-नेतृत्व वाली टीम AVERERA ने शेल इको-मैराथन 2025 में शानदार सफलता हासिल की है। कतर के लुसैल इंटरनेशनल सर्किट, दोहा में आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में टीम ने दो प्रमुख पुरस्कार अपने नाम किए – Carbon Footprint Reduction Award और Technical Innovation Award।

टीम AVERERA ने Urban-Concept Battery Electric कैटेगरी में भाग लिया और एशिया-प्रशांत और मिडिल ईस्ट क्षेत्र की सर्वश्रेष्ठ टीम के रूप में उभरी। इस प्रतियोगिता में 15 देशों से 60 से अधिक टीमों ने भाग लिया था, और AVERERA अपनी श्रेणी में प्रतिस्पर्धा करने वाली एकमात्र भारतीय टीम थी।

इनोवेटिव टेक्नोलॉजी और बेहतरीन परफॉर्मेंस

शेल इको-मैराथन एक वैश्विक प्रतियोगिता है, जहां छात्र टीमें ऊर्जा-कुशल वाहनों को डिजाइन और विकसित करने की चुनौती लेती हैं। AVERERA की टीम ने अत्याधुनिक तकनीकों और नवीन डिजाइनों का उपयोग करते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया।

टीम द्वारा विकसित वाहन की विशेषताएं:

  • Carbon Fiber Monocoque डिजाइन (वजन: 25 किग्रा)
  • हाई-परफॉर्मेंस BLDC मोटर
  • इन-हाउस विकसित मोटर कंट्रोलर (93.33% दक्षता)
  • 83 km/kWh की शानदार दक्षता

दो बड़े पुरस्कारों की जीत

Technical Innovation Award
इस पुरस्कार ने टीम की अत्याधुनिक वाहन डिज़ाइन और इनोवेटिव टेक्नोलॉजी को मान्यता दी। टीम AVERERA के प्रयासों ने भविष्य के ऊर्जा-कुशल वाहनों के लिए एक नया मानक स्थापित किया।

Carbon Footprint Reduction Award
टीम की इको-फ्रेंडली डिज़ाइन रणनीतियों और ऊर्जा-कुशल नवाचारों ने यह पुरस्कार दिलाया। इस उपलब्धि ने दिखाया कि कैसे पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हुए उच्च दक्षता प्राप्त की जा सकती है।



IIT BHU की वैश्विक पहचान को मिली मजबूती

टीम AVERERA की इस उपलब्धि ने न केवल IIT BHU बल्कि पूरे भारत का नाम वैश्विक मंच पर ऊंचा किया है। उनकी इस जीत ने इनोवेशन, सस्टेनेबिलिटी और इंजीनियरिंग एक्सीलेंस के क्षेत्र में संस्थान की प्रतिबद्धता को मजबूत किया है।

टीम AVERERA ने अपने समर्पण और अनुसंधान के माध्यम से यह साबित कर दिया कि भारतीय छात्र तकनीकी नवाचारों में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। यह उपलब्धि भविष्य में ऊर्जा दक्षता और सतत परिवहन के क्षेत्र में और अधिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगी।

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