BHU छात्रों ने KIIT-ओडिशा में नेपाली छात्रा प्रकृति लाम्साल की मौत पर न्याय की मांग
BHU के छात्रों ने KIIT-ओडिशा में नेपाल की छात्रा प्रकृति लाम्साल की संदिग्ध मौत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने न्याय, लैंगिक भेदभाव के खिलाफ सख्त कदम उठाने और अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
BHU छात्रों का विरोध प्रदर्शन, प्रकृति लाम्साल के लिए न्याय की मांग
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने KIIT, ओडिशा में नेपाल की छात्रा प्रकृति लाम्साल की संदिग्ध मौत को लेकर न्याय की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन विश्वनाथ मंदिर गेट पर शाम 6:30 बजे आयोजित हुआ, जिसमें BHU के छात्र-छात्राओं के साथ आइसा, एनएसयूआई और नेपाल के छात्र भी शामिल हुए।
छात्रों ने ओडिशा सरकार और KIIT प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि पीड़ित छात्रा ने कई बार अपनी शिकायतें दर्ज कराई थीं, लेकिन प्रशासन ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया। इससे मामला और बिगड़ता गया, जिसके बाद यह दुखद घटना घटी।
BHU छात्रों की प्रमुख मांगें
1. प्रकृति लाम्साल को न्याय दिलाने के लिए त्वरित कार्रवाई की जाए।
2. KIIT प्रशासन के उन अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो, जिन्होंने शिकायतों की अनदेखी की और नस्लीय भेदभाव किया।
3. अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा और उनकी शिकायतों के निवारण के लिए प्रभावी व्यवस्था बनाई जाए।
4. यौन हिंसा और लैंगिक भेदभाव रोकने के लिए GSCASH को लागू किया जाए।
प्रशासन की लापरवाही पर छात्रों का आक्रोश
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने बताया कि प्रकृति लाम्साल ने कई बार प्रशासन को अपनी समस्याओं के बारे में जानकारी दी थी, लेकिन उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया। जब छात्रों ने न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन किया, तो KIIT प्रशासन ने विरोध को दबाने के लिए हिंसा और नेपाल के छात्रों के खिलाफ नस्लीय भेदभाव का सहारा लिया।
छात्रों का कहना था कि इस तरह की घटनाएं न केवल भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि भारत-नेपाल के ऐतिहासिक संबंधों को भी कमजोर करती हैं।
BHU छात्रों की सरकार से अपील
BHU छात्रों ने ओडिशा सरकार से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने KIIT प्रशासन के उन अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की मांग की, जो इस मामले में लापरवाही और नस्लीय भेदभाव के लिए जिम्मेदार थे।
छात्रों ने कहा कि लैंगिक हिंसा और नस्लीय भेदभाव को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
न्याय की इस लड़ाई में छात्रों की एकजुटता
BHU के छात्रों ने यह संकल्प लिया कि वे प्रकृति लाम्साल के लिए न्याय की इस लड़ाई को जारी रखेंगे। यह विरोध प्रदर्शन सिर्फ एक छात्रा के लिए न्याय की मांग नहीं था, बल्कि यह सभी विश्वविद्यालयों में महिलाओं की सुरक्षा और लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा संदेश था। छात्रों ने भारत सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मामले को गंभीरता से लेने और ठोस कदम उठाने की अपील की।
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