नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर NSUI बीएचयू ने याद किया उनका समाजवादी सपना

NSUI BHU Celebrates Netaji Subhas Chandra Bose's Birth Anniversary



बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर एक विशेष गोष्ठी का आयोजन किया। इस गोष्ठी में नेताजी के समाजवादी विचारों, धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण और भारत के औद्योगिक विकास में उनके योगदान को याद किया गया।

गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस सिर्फ एक स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं थे, बल्कि वे एक दूरदर्शी नेता भी थे। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए राष्ट्रीय योजना समिति का गठन किया और भारत के आर्थिक विकास के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया।

धर्मनिरपेक्षता पर जोर

गोष्ठी में इस बात पर भी जोर दिया गया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक धर्मनिरपेक्ष नेता थे। उन्होंने आज़ाद हिंद फ़ौज की ब्रिगेड का नाम जवाहरलाल नेहरू, गांधी, (मौलाना) आज़ाद और खुद बोस के नाम पर रखकर अपनी धर्मनिरपेक्षता का परिचय दिया। उन्होंने हमेशा एक ऐसे भारत का सपना देखा था जहां सभी धर्मों के लोग समानता के साथ रहें।

आरएसएस के दुष्प्रचार का खंडन

गोष्ठी में आरएसएस द्वारा नेताजी के बारे में फैलाए जा रहे दुष्प्रचार का भी खंडन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि आरएसएस चाहे जितना भी दुष्प्रचार करे, नेताजी का कांग्रेस और उसके नेताओं के प्रति प्रेम हमेशा बना रहा।

युवाओं को संदेश

NSUI ने इस गोष्ठी के माध्यम से युवाओं को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आदर्शों से प्रेरित होने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज भी देश को ऐसे नेताओं की जरूरत है जो देश के विकास के लिए समर्पित हों और धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों को मानें।

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