IIT (BHU) बना UN-GGCE का आधिकारिक पार्टनर: भारत के लिए गौरव का पल!


IIT (BHU) बना UN-GGCE का आधिकारिक पार्टनर: भारत के लिए गौरव का पल!

IIT (BHU) ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। अब यह संस्थान United Nations Global Geodetic Centre of Excellence (UN-GGCE) का आधिकारिक पार्टनर बन गया है। खास बात यह है कि IIT (BHU) भारत का पहला और एकमात्र संस्थान है जिसे इस प्रतिष्ठित साझेदारी के लिए चुना गया है।  


क्या है UN-GGCE और इसकी अहमियत?

UN-GGCE एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म है जो भौगोलिक विज्ञान और तकनीक (Geospatial Science & Technology) को बढ़ावा देने और वैश्विक स्तर पर जियोडेसि (Geodesy) की शिक्षा और शोध को मजबूत करने के लिए काम करता है। IIT (BHU) के इस साझेदारी में शामिल होने से भारत को वैश्विक जियोडेसि मानचित्र पर पहचान मिलेगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक सहयोग के रास्ते खुलेंगे।  

कैसे बदलेगी तस्वीर?

IIT (BHU) का यह कदम न केवल संस्थान के लिए बल्कि भारत के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है। इस साझेदारी से:  
1. जियोडेसि शिक्षा और रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा। 
2. वैश्विक स्तर पर भारतीय वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की पहचान मजबूत होगी।  
3. नई तकनीकों और विचारों को समझने और लागू करने का अवसर मिलेगा।  

सिविल इंजीनियरिंग विभाग की भूमिका

IIT (BHU) के सिविल इंजीनियरिंग विभाग का योगदान इस उपलब्धि में बेहद महत्वपूर्ण है। यह साझेदारी वैश्विक जियोडेसि आपूर्ति श्रृंखला (Global Geodesy Supply Chain) को मजबूत करने और जियोडेसि के महत्व को बढ़ावा देने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता को मान्यता देती है।  

IIT (BHU) की नई ऊंचाईयां

यह साझेदारी संस्थान के छात्रों और शोधकर्ताओं को नई संभावनाओं और अवसरों से जोड़ने का काम करेगी। साथ ही, भारत में जियोडेसि शिक्षा और अनुसंधान के पुनरुद्धार का मार्ग प्रशस्त करेगी।  

IIT (BHU): नवाचार और शोध का केंद्र

IIT (BHU) का यह कदम यह साबित करता है कि यह संस्थान न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी नवाचार और शोध में नए मानक स्थापित कर रहा है।  


अधिक जानकारी के लिए

UN-GGCE के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ