वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग ने ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। लखनऊ में इस वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद IMS-BHU में इससे निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। बैठक में संक्रमण की रोकथाम और मरीजों के इलाज के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। 20 बेड का एक अलग वार्ड रिजर्व किया गया है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर बढ़ाया जाएगा। विशेषज्ञों की एक टीम भी तैयार की गई है, जो हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम है।
IMS-BHU के निदेशक प्रो. एसएन संखवार की अध्यक्षता में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। इसमें सभी विभागों को सतर्क रहने और बेहतर समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। बाल रोग, मेडिसिन, नेफ्रोलॉजी, टीबी एंड चेस्ट, और हृदय रोग विभाग को विशेष रूप से तैयार रहने को कहा गया है। चिकित्सा अधीक्षक को नोडल अधिकारी बनाया गया है, जबकि जांच और निगरानी के लिए अन्य डॉक्टरों को जिम्मेदारी दी गई है।
माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV का आकार कोरोना वायरस से बड़ा है, लेकिन यह उतना घातक नहीं है। इसके बावजूद सतर्कता बरतने की जरूरत है। संक्रमण से बचने के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना फायदेमंद हो सकता है। इसमें नियमित रूप से हाथ धोना, मास्क पहनना और सामाजिक दूरी बनाए रखना शामिल है।
हालांकि, वाराणसी में अभी तक इस वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन लखनऊ में केस मिलने के बाद से सतर्कता बढ़ा दी गई है। IMS-BHU में कोरोना काल के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए तैयारियां की जा रही हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में मरीजों को तुरंत राहत दी जा सके।
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी लक्षण को नज़रअंदाज न करें और जरूरत पड़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सतर्क रहना और प्रोटोकॉल का पालन करना संक्रमण को फैलने से रोकने में मददगार साबित हो सकता है।
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