5 मई 2024 :- BHU
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में प्रशासनिक अनियमितताओं और कुलपति की कथित मनमानी के खिलाफ नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) ने कड़ा रुख अपनाया है। NSUI के सदस्यों ने विभिन्न सांसदों से मुलाकात कर इस मामले को राष्ट्रपति और संसद के समक्ष उठाने का अनुरोध किया है।
NSUI की BHU इकाई द्वारा जारी एक पत्र में, लोकसभा सदस्य तनुज पुनिया से अनुरोध किया गया है कि वे BHU से जुड़े मुद्दों पर राष्ट्रपति को पत्र लिखें और आगामी संसद सत्र में इस विषय को उठाएं।
पत्र में उल्लेखित प्रमुख मुद्दे हैं:
1. अक्टूबर 2021 से विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद (एग्जीक्यूटिव काउंसिल) का गठन न होना।
2. रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर अस्थायी नियुक्तियां।
3. 94 शिक्षकों/प्रोफेसरों को नोटिस जारी करना।
4. परिसर में अवैध पेड़ों की कटाई।
NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा, "BHU भारत की स्वतंत्रता आंदोलन का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज विश्वविद्यालय का आंतरिक लोकतंत्र खतरे में है।"
विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, कुछ शिक्षकों ने गुमनाम रहते हुए बताया कि वर्तमान स्थिति चिंताजनक है और शैक्षणिक माहौल प्रभावित हो रहा है।
इस बीच, कई छात्र संगठनों ने NSUI के इस कदम का समर्थन किया है। वे मांग कर रहे हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन पारदर्शिता बरते और शिक्षकों व छात्रों के साथ संवाद स्थापित करे।
यह देखना बाकी है कि क्या विश्वविद्यालय प्रशासन इन चिंताओं पर ध्यान देता है। BHU की स्थिति पर देश भर के शैक्षणिक समुदाय की नज़र है।
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