मणिपुर हिंसा के विरोध में सड़क पर उतरे BHU के स्टूडेंट्स, VT से लंका गेट तक किया पैदल मार्च



मणिपुर में जारी हिंसा के खिलाफ आज 21 जुलाई 2023 को बीएचयू स्टूडेंट्स और नागरिक समाज द्वारा विरोध प्रदर्शन और प्रतिरोध सभा का आयोजन किया गया।

जिसमें वक्ताओं के द्वारा, सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें 2 महिलाओं को एक भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाया जा रहा है। खबर है कि इन महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कर भी किया गया है। यह 4 मई की घटना बताई जा रही है जिसकी खबर महिला आयोग और सरकार को भी थी, बावजूद इसके वीडियो सोशल मीडिया पर आने तक न तो प्राथमिकी दर्ज की गयी और न ही दोषियों पर कार्यवाही हुई। पिछले 3 महीने से मणिपुर जल रहा है। वहाँ के दो समुदायों के बीच हिंसा, लूटपाट और बलात्कर की खबर आ रही है, लेकिन स्थानीय प्रशासन और सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाये गए हैं। उल्टे मणिपुर सरकार और मुख्यमंत्री बिरेन सिंह द्वारा हिंसा में संलग्न बहुसंख्यक समुदाय को मौन समर्थन दिया जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री का बयान है की यौन हिंसा के ऐसे सैकड़ों मामले दर्ज हुए हैं। अगर इस हिंसा की कारणों पर बात करें तो हम पाएंगे कि किस तरह भाजपा द्वारा इसकी जमीन तैयार की गयी। जब देश का एक हिस्सा जल रहा था तब प्रधानमंत्री मोदी विदेश यात्रा कर अपना इमेज चमकाने और चुनावी रैलियों में व्यस्त थे। 


यह कोई पहली घटना नहीं जिसमें भाजपा सरकारों का यह रवैया रहा है। इनकी राजनीति में ही हिंसा और नफरत है। कठुआ से लेकर उन्नाव और फिर बृज भूषण सिंह तक, भाजपा हमेशा बलात्करियों के साथ खड़ी हुई है। 

मणिपुर में जारी हिंसा के खिलाफ आज 21 अगस्त, 2023 को बीएचयू स्टूडेंट्स और नागरिक समाज द्वारा विरोध प्रदर्शन और प्रतिरोध सभा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में आइसा, बी एस एम, दिशा छात्र संगठन, ऐपवा, स्टूडेंट फ्रंट आदि संगठन शामिल हुए। इसके अलावा बीएचयू के अन्य विद्यार्थीयों तथा नागरिक समाज के लोगों ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इसमे प्रमुख रूप से कुसुम वर्मा,आकांक्षा आज़ाद,चंदा यादव,अमित,वी के सिंह,आदर्श,कृपा वर्मा,अमर,डॉ वंदना चौबे, शीला जी, इप्शिता, सुजाता भट्टाचार्या, हर्षवर्धन, शशिकांत, हराकांत, अभिषेक, आरती,निधि मौर्या, रिया गुप्ता, ने बात रखी।

विश्वनाथ मन्दिर पर हुए इस कार्यक्रम में पहले मणिपुर और नॉर्थ ईस्ट के स्टूडेंट्स ने बात रखी और वहाँ के हालात को बयां किया। उसके बाद अन्य स्टूडेंट्स ने अपनी बात रखते हुए मणिपुर के मौजूदा हालात पर चिंता व्यक्त की और तत्काल हस्तक्षेप का मांग किया। सैकड़ों की संख्या में स्टूडेंट्स ने विश्वनाथ मन्दिर से लंका गेट तक मार्च किया और फिर लंका गेट पर भी सभा की गयी। गेट पर बनारस की कामगार महिलाएं और ऐपवा के लोग शामिल हुए। 

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