बीएचयू के पुरा-छात्र एवं वरिष्ठ नेपाली नेता प्रदीप गिरी को दी गई श्रद्धांजलि



मंगलवार को बीएचयू के छात्रों और पुरा छात्रों द्वारा बीएचयू के छात्रसंघ भवन स्थित हॉल में एक स्मृति सभा के माध्यम से बीएचयू के पुरा छात्र , नेपाल की संविधान सभा के सदस्य तथा पांच बार सांसद रहे स्वर्गीय प्रदीप गिरी जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत स्वर्गीय प्रदीप गिरि जी के चित्र पर पुष्पांजलि करने के बाद हुई, वहां मौजूद सभी लोगों ने उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।


प्रदीप गिरी जी को याद करते हुए बीएचयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष मोहन प्रकाश जी ने कहा कि स्वर्गीय प्रदीप गिरी नेपाल की राजनीति के प्रमुख स्तंभ रहे हैं, नेपाल के प्रधानमंत्री श्री कोइराला जी के साथ उन्होंने नेपाल में लोकतंत्र बहाली के लिए संघर्ष किया और अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने उन्होंने भारत नेपाल के महत्वपूर्ण संबंधों के पक्ष में कार्य किया, उन्होंने जीवन भर गांधीवाद को आत्मसात किया और सादगीपूर्ण जीवन व्यतीत किया।



शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर दीपक मलिक ने 
अपने साथ प्रदीप गिरी जी के 50 वर्षों के संबंधों का जिक्र करते हुए बताया कि प्रदीप गिरी जी लोहिया से प्रभावित और उन्हीं के तरह अपनी बात स्पष्टता और साफगोई के साथ कहानी में विश्वास रखते थे, विश्वविद्यालय में रहते हुए प्रदीप गिरी जी ने हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों के संवर्धन के लिए काम किया।




पूर्व सांसद डॉ राजेश मिश्रा ने कहा कि, प्रदीप जी के राजनीतिक जीवन का एक बड़ा समय बनारस और बीएचयू में बीता जब वह नेपाल से निर्वासित थे, लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए उनकी लड़ाई अनुकरणीय है।

बीएचयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि, प्रदीप गिरी जी केवल एक जन नेता ही नहीं बल्कि एक बेहतर शिक्षाविद भी थें, बीएचयू में अध्ययनरत रहते हुए ही उनका बौद्धिक स्तर असाधारण था। धन्यवाद ज्ञापन रजत सिंह ने दिया।

इस दौरान विजय नारायण, प्रो मल्लिकार्जुन जोशी, प्रो जेपी सिंह , प्रो सुरेंद्र प्रताप, प्रो मृत्युंजय मिश्र, प्रो एन के दुबे,  राधेश्याम सिंह, प्रह्लाद तिवारी, कुंवर सुरेश सिंह, बीएन सिंह ,आशुतोष ,अनिल ,चंचल, रविंद्र राय, सुशीला नंदा, चेतन, प्रजा नाथ शर्मा ,रतन जेटली, नागेंद्र गांधी, राणा रोहित, कपिश्वर, अभिनव, राजीव नयन, दिलराज, हर्ष, संजीत, शांतनु,हिमांशु, रामायण, धनंजय, जयप्रकाश, जंग बहादुर, प्रशांत,  सुधांशु, वंदना, सुनील, पियूष, नीरज, उमेश समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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