केन्द्रीय विद्यालय बीएचयू वाराणसी में आज़ादी का अमृत महोत्सव -छिहत्तरवां स्वतंत्रता दिवस संपन्न :- KV BHU


केन्द्रीय विद्यालय बीएचयू वाराणसी में आज़ादी का अमृत महोत्सव -छिहत्तरवां स्वतंत्रता दिवस संपन्न

बीएचयू स्थित केन्द्रीय विद्यालय में छिहत्तरवां स्वतंत्रता दिवस बड़े ही धूमधाम से संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में विद्यालय प्रबंधन समिति के नामित अध्यक्ष प्रोफेसर सुनील कुमार सिंह ने ध्वजारोहण किया। ध्वजारोहण के साथ ही विद्यालय के मैदान में उपस्थित दो हज़ार से अधिक छात्र -छात्राओं ने समवेत स्वर में राष्ट्रगान गाकर परिसर को गुंजायमान कर दिया।
मुख्य अतिथि के स्वागत भाषण में विद्यालय के प्राचार्य डॉ दिवाकर सिंह ने स्वाधीनता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सेनानियों को याद किया तथा कहा कि उनकी चाह थी कि उनका बलिदान खाली न जाए। वे मानते थे कि भारत को एक संपन्न देश बनाने में आज़ाद देश के नागरिक कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। तिरंगे के तीन रंगों की व्याख्या करते हुए डॉ सिंह ने कहा कि हरा रंग संपन्नता और समृद्धि का प्रतीक है, केसरिया रंग त्याग और बलिदान की भावना का प्रतीक है। सफेद रंग शांति और सद्भाव का प्रतीक है, जिसके बिना कोई भी देश संपन्नता नहीं प्राप्त कर सकता। उन्होंने देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए छात्र -छात्राओं का आह्वान किया। संविधान और कर्तव्य पालन को उन्होंने अनिवार्य धर्म बताया।


सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत वागीशा ठाकुर ने अंग्रेजी तथा हृदयांश मिश्रा ने हिन्दी वक्तृताएं प्रस्तुत कीं तथा उपस्थित विद्यार्थियों और अभिभावकों को स्वाधीनता संग्राम के महत्व से परिचित कराया। वक्ताओं ने उन सपनों का भी उल्लेख किया, जिसे आज़ादी के बाद पूरा किया जाना था। जाति, धर्म, भाषा आदि के भेदभाव ने कहीं न कहीं भारत की प्रगति को बाधित किया है। इनका समापन किया जाना जरूरी है।
'सौ-सौ रागिनियों से बना भारत' तथा 'जय हो' समूह नृत्यों ने स्वतंत्रता दिवस के महोत्सव को संगीतात्मक बना दिया। बालकों द्वारा प्रस्तुत 'संदेशे आते हैं' समूह गीत ने सबको गाने पर विवश कर दिया।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर सुनील कुमार सिंह ने इस विशिष्ट अवसर पर सीबीएसई की कक्षा दस एवं बारह की परीक्षाओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त सभी विद्यार्थियों को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र वितरित किए। विद्यालय के कलात्मक आयोजनों में नि: स्वार्थ भावना से सहयोग प्रदान करने वाले कलाकार सुधीर सिंह तथा शिक्षा में कला के माध्यम से नवाचार लाने के लिए विद्यालय के कला शिक्षक कौशलेश कुमार को स्मृति चिह्न भेंट किए गए।

अपने आशीष-वचनों में मुख्य अतिथि ने स्वतंत्रता संघर्ष में महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, सुभाष चन्द्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, भगत सिंह आदि को याद करते हुए इस आज़ादी को बचाए रखने पर जोर दिया तथा विद्यार्थियों को पंचामृत-वचनों के बारे में बताया। ये पंचामृत वचन न केवल विद्यार्थी के लिए उपयोगी हैं, अपितु परिवार तथा समाज का भी इससे भला होगा।
इस विराट महोत्सव का समापन मिष्ठान्न- वितरण से हुआ।

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