बीएचयू में भगतसिंह छात्र मोर्चा(BCM) ने भगतसिंह की 114 वीं जयंती मनाई।



आज 28 सितंबर को बनारस में भगतसिंह छात्र मोर्चा ने शहीद-ए-आज़म भगतसिंह की जयंती बीएचयू के विश्वनाथ मंदिर पर पोस्टर प्रदर्शनी, संस्कृति कार्यक्रम और सभा के जरिये मनाया गया। 
सभा के दौरान छात्र-छात्राओं ने कहा कि भगत सिंह उन गिने चुने क्रांतिकारी हैं जिन्होंने सबसे ज्यादा भारतीय समाज को प्रभावित किया है। लेक़िन यह भी सबसे बड़ी बिडम्बना है कि यह व्यवस्था और सरकार 114 साल भी भगतसिंह को उनके विचारों के साथ याद करने में डरती है। भगत सिंह को याद करना शहादत और सामजिक परिवर्तन की परंपरा को याद करना है। सरकार भगतसिंह के विचारों को दबा देना चाहती है।  पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से भगतसिंह के क्रांतिकारी विचारों और उनके सपनों को दिखाने का भी प्रयास किया गया। जिसमें भगतसिंह देश के युवाओं से अपील करते हैं कि वो आगे आये और देश की बागडोर अपने कंधे पर ले। साथ कि साथ क्रांतिकारी गाने "ये भगतसिंह तू ज़िंदा है" और "सरफरोशी की तमन्ना", "ले मशाले चल पड़े है लोग मेरे गाँव के" जैसे गीत गाये गए।
वक्ताओं ने सभा मे बोलते हुए कहा कि आज देश में मंहगाई, गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी से देश के जनता त्रस्त है। दूसरी ओर किसान 10 महीनों से अपने मांगों के लेकर आन्दोलनरत है । मजदूरों को लेबर कोड जैसे मजदूर विरोधी कानून बनाकर उनके श्रम को चोरी करने की साजिश रची जा रही है। देश आज कमोबेश वैसे ही समय मे पहुँच चुका है जैसे 114 साल पहले भगतसिंह के समय मे था। पूरे देश मे जानबूझकर साम्प्रदायिक जातिवादी माहौल बनाया गया। पूरे देश को देशी- विदेशी पूंजीपतियों को बेचा जा रहा। शिक्षा को जानबूझकर  बर्बाद किया जा रहा।इसलिए लिए देश को बचाने की ज़िम्मेदारी आज छात्रों-नौजवानों के कंधों पर है। भगतसिंह को याद करते हुए सबने कहा कि भगतसिंह आज भी मजदूरों-किसानों- नौजवानों में जीवित है।
अंत में भगतसिंह छात्र मोर्चा के सदस्यों ने बीएचयू और शहर से नौजवानों से अपील की वो भी पढ़ाई ले साथ साथ अपना जीवन समाज और देश को बदलाव के समर्पित कर दें। 
सभा का संचालन उमेश और योगेश ने किया। सभा में वी.के. सिंह,  शशांक, सन्दीप, अभिषेक, आकांक्षा ने अपनी-अपनी बात रखी। कार्यक्रम में इप्शिता, लोकेश, सिद्धि, अवनीश, अजित, चंदन, सुमित 70- 80 लोग शामिल रहें। सभा अंत जूलूस में तबदील गई और मंदिर से लंका गेट तक क्रांतिकारी नारों के साथ मार्च  निकाला गया।

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