BHU सिंह द्वार पर शहादत दिवस पर समाज मे फैली हिंसा के विरोध व किसान आंदोलन के समर्थन में एक दिवसीय उपवास किया गया।

दिनांक 30 जनवरी को जॉइंट एक्शन कमेटी व यूथ फ़ॉर स्वराज के द्वारा शहीदी दिवस पर समाज में फैली वैचारिक शून्यता, हिंसा के विरोध व किसान आंदोलन के समर्थन में लंका गेट(बीएचयू) पर एक दिवसीय उपवास किया गया। 

   सभा स्थल पर वक्ताओं द्वारा कहा गया कि आज के ही दिन गोडसे ने गांधी की हत्या की थी। गांधी की हत्या आज के सत्तारूढ़ दल के विचारधारा वाले लोगो ने की थी। गांधी के हत्या के 73 वर्षों बाद भी उनकी विचारधारा को मारने की कोशिश हर वक्त की जा रही है। स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे बड़ा हथियार रहे सत्याग्रह को आज राष्ट्रदोह घोषित कर दिया गया है। निरंकुश सरकार अपनी पुलिस और एजेंसीयों के माध्यम से विरोध के हर स्वर को कुचलने पर आमादा है। 
   आज गोडसे के विचारधारा के लोग सत्ता में बने हुए हैं। अडानी-अम्बानी को फायदा पंहुचाने के लिए कृषि कानून के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन को लगातार बदनाम कर रहे हैं। किसान आंदोलन में शामिल होकर हिंसा फैला रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस दोषियों पर कार्यवाही करने के बजाय किसान आंदोलन के नेताओं पर कर रही। पिछले कुछ सालों से आंदोलनों के प्रति पुलिस और सरकार की यही रणनीति रही है। बनारस के भी बुजुर्ग किसान नेताओं और विश्वविद्यालयों के छात्रों पर गुंडा एक्ट की कायरतापूर्ण और हास्यास्पद कार्यवाही प्रदेश की योगी सरकार ने की है। 
एक दिवसीय उपवास के माध्यम से छात्रों ने गांधी के विचारों को आत्मसात करने के साथ अहिंसा और प्रेम के उनके संदेश को जनजन तक पहुंचाने की प्रतिज्ञा ली है। गांधी की इच्छा थी कि देश का प्रधानमंत्री एक किसान को होना चाहिए क्योंकि कृषि देश की रीढ़ है। हमारे तिरंगे में जो चक्र है वह भी किसान के हल के पहिये का ही स्वरूप है जिसके ऊपर देश और समाज का विकास की गाड़ी चलती है।

कार्यक्रम का समापन 5 बज का 20 मिनट पर महात्मा गांधी को गोली मारे जाने के समय , बापू को याद करके सर्वधर्म प्रार्थना के बाद मौन रख कर हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से रजत, विवेक मिश्र, नितेश यादव,अमित, शिवराज,नीरज, मुरारी, साक्षी, विवेक कुमार,पंकज, कीर्ति, प्रज्ञा, अनुष्का, जय आदि लोग शामिल थे।

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