स्वतन्त्रता आंदोलन की ऐतिहासिक परम्परा का निर्वहन करते हुए गणतंत्र दिवस पर एनएसयूआई ने निकाली प्रभात फेरी

NSUI BHU
एनएसयूआई बीएचयू इकाई

एनएसयूआई बीएचयू इकाई द्वारा 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर स्वतन्त्रता आंदोलन की ऐतिहासिक परम्परा का निर्वहन करते हुए प्रभात फेरी निकाली और स्वतन्त्रता आंदोलन के नायकों द्वारा बताए सद्भाव और भाईचारे की राह पर चलने का संकल्प लिया तथा आंदोलित किसानों की मांगों का समर्थन किया। प्रभातफेरी के दौरान आपसी बातचीत में वक्ताओं ने कहा कि गणतंत्र में गण होने का जश्न मनाए। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन व संविधान के मूल्यों को लोगों के मध्य ले जाएं। प्रभात फेरी जैसे कार्यक्रमों ने राष्ट्रीय आंदोलन में एक महती भूमिका निभाई थी।आज देश को फिर अपने ऐतिहासिक स्वतंत्रता आंदोलन व संवैधानिक मूल्यों को तंत्र से बचाकर गण तक पहुंचाने की जिम्मेदारी आ गई है।


प्रभात फेरी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से शुरू होकर रविदास गेट होते हुए लंका स्थित मालवीय जी की प्रतिमा पर समाप्त हुई, प्रभात फेरी के दौरान छात्रों ने 'विजयी विश्व तिरंगा प्यारा' 'रघुपति राघव राजाराम' 'भारत माता की जय',    'भारत का संविधान जिंदाबाद', 'जय जवान जय किसान' जैसे गीत गाये व नारे लगाए। प्रभातफेरी का समापन बीएचयू गेट स्थित मालवीय प्रतिमा के समक्ष राष्ट्रगान के साथ किया गया।


कार्यक्रम के दौरान एनएसयूआई पूर्वी उत्तरप्रदेश के अध्यक्ष अखिलेश यादव, डॉ शार्दूल चौबे, डॉ अवधेश सिंह, संजीव सिंह सिंह, बीएचयू छात्र परिषद के पूर्व महासचिव डॉ विकास सिंह, विक्रान्त सिंह, मोहम्मद आमिद, अभिनव मणि त्रिपाठी, अनिक देव सिंह, रितेश सिंह, राणा रोहित, कपीश्वर मिश्र, ओमप्रकाश, लेखराज, देवेश दुबे, अभिषेक द्विवेदी, गौरव राव, विकास सिंह, छविंद्र नाथ, गौरव दुबे, ओम शुक्ला, परवाज़ अहमद, अभिषेक सिंह आदि छात्र मौजूद रहें।

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