भगत सिंह छात्र मोर्चा, बीएचयू (BCM BHU)द्वारा भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और पाश के शहादत दिवस को याद करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम और मशाल जुलूस निकाला गया।



सांस्कृतिक कार्यक्रम शाम 5 बजे से शुरू हुआ जिसमे क्रांतिकारी गीत गाने हुए और साथी इप्शिता ने अपनी बात रखते हुए भगत सिंह के विचारों के बारे में बताया कि भगत सिंह और उनके सपनों का भारत कैसा था और उन्होंने समाजवादी, समतामूलक ,शोषकविहीन वतन बनाने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया। 

अनुपम ने भी अपनी बात रखते हुए भगत सिंह के विचारों पर जोर डालकर बताया कि भगत सिंह के अनुसार आजादी का क्या मतलब था,भगत सिंह और उनके साथी आम मेहनतकश आवाम के मुक्ति के लिए क्या विचार रखते थे, उन्होंने अपने वक्तव्य के माध्यम से क्रांति के बारे में बताते हुए कहा कि देश में समतामूलक समाज बनाने के लिए यही एकमात्र रस्ता है ।

इसके पश्चात शाम 6:15 से विश्वनाथ मंदिर से लंका तक मशाल जुलूस निकाला गया जिसमे जोरदार नारेबाजी किया गया। 
सामंतवाद, पूंजीवाद, साम्राज्यवाद, जातिवाद, फांसीवाद के खिलाफ छात्र छात्राओं ने खूब नारेबाजी किया उसके बाद लंका पहुंच कर भी कुछ गीत गानों के साथ भगत सिंह और उनके साथियों के विचारों पर चर्चा हुआ। कार्यक्रम में अनुपम, विनय , आकांक्षा, इप्शिता, सिद्धि,आलोक,गणेश,अंकित,अमित, आदर्श,उमेश,नीलू,योगेश, ब्रह्मनारायन,उत्तकर्ष, सौरभ,शुभम, राहुल,अमर,कमलेश, ब्रह्मनारायण,समेत 100 से अधिक लोग मौजूद थे। बनारस शहर से PS4 से निराला जी, शिक्षक पीयूष दत्त, युद्देश बेमिशाल, निहार भट्टाचार्य, सुजाता भट्टाचार्य, कामता प्रसाद, भूतपूर्व शिक्षक आर डी सिंह आदि भी मौजूद थे।

मशाल जुलूस को पुलिस प्रशासन ने लंका गेट के पास ही रोक दिया ,इस पर BCM के सदस्यों का कहना था की  किस प्रकार से सत्ता पक्ष भगत सिंह और उनके साथियों के विचार से डरते हैं।

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