कोविड की मार से मिर्जापुर के खदान मजदूर, आदिवासी और मुसहर समाज के परिवारों का बुरा हाल है। हज़ारों परिवार काम न मिलने से परेशान हैं और भूख का संकट आ गया है। सरकार द्वारा राशन कार्ड धारियों को फ्री राशन दिए जाने के आदेश के बावजूद परिवारों को या तो समय पर राशन नही मिल रहा है या फिर आवयश्कता से कम मिल रहा है। मुसहर समाज सामाजिक और आर्थिक रूप से उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े समुदायों में से है परंतु प्रदेश और केंद्र की सरकार ने इनके लिए कोई समुचित व्यवस्था या योजना बनाकर उत्थान के लिए कोई प्रयास नही किया।
लॉक डाउन में रोजगार के साधन बंद हो जाने के बाद से ही लगातार परेशानियों से घिरे गरीब मजदूर वर्ग को इस बीमारी की दोहरी मार पड़ी है। ऐसें में सरकार के लोकलुभावने वादे ज़मीन पर नही उतर रहे हैं। मोदी योगी की सरकार के गैर जिम्मेदाराना व लुंज पुंज योजनाओं और अव्यवस्थित कोरोना प्रबंधन के कारण किसान-मजदूर आज भूखे मरने की स्थिति में है ।
मार्च 2020 के बाद कोविड महामारी से मिर्ज़ापुर के खादान मजदूरों का रोजगार बर्बाद हो चुका है। लगातार लॉकडाउन और कोविड के प्रभाव से खादान में पत्थर तोड़ने, ढुलाई, पॉलिश समेत अन्य सभी रोजगार के साधन प्रभावित हुए। सरकार ने इन परिवारों को अब तक कोई भी जरूरी मदद नही पहुंची, जरूरत थी कि सरकार कैश ट्रांसफर जैसी योजना बनाकर इन परिवारों को जरूरी संबल प्रदान करे।
जो परिवार लॉकडाउन के पहले 100-200 रुपये रोजाना कमा कर परिवार पाल रहे थे उनकी कमाई पिछले डेढ़ साल से शून्य है। सभी लोग घर पर बैठने को मजबूर हैं और दो जून की रोटी का जुगाड़ भी मुश्किल हो रहा है। इन खदानों पर कई परिवारों का जीवनयापन निर्भर है, जो बंद होने के कारण भीख मांगने की नौबत पर आ गए हैं।
इन परिवारों की समस्या को देखते हुए BHU के छात्रों द्वारा स्थापित "We Care Tribe" संस्था ने परिवारों को चिन्हित कर राशन किट बांटने का फैसला लिया है। मिर्जापुर में खदान मजदूर यूनियन के सहयोग से आज 50 परिवारों को राशन किट बांटी गई। राशन किट में एक परिवार के लिए एक माह का राशन है।
बीएचयू के ये छात्र पिछले लॉकडाउन से लगातार हज़ारो लोगों तक चिकित्सीय मदद, राशन एवं राहत सामग्री पहुंचा चुके हैं। इन्ही छात्रों ने अब वी केअर ट्राइब नामक संस्था बनाकर मिर्ज़ापुर के खदान मजदूर, मुसहर और आदिवासी परिवारों तक मदद पहुंचाने का निर्णय लिया है।
मजदूरों से बातचीत में शिवि उपाध्याय ने कोविड महामारी के दौरान अपने परिजनों को खोने वाली और शारीरिक रूप से विकलांग महिलाओं के पुनर्वास तथा जीविका को लेकर बातचीत रखी।
We care tribe के तरफ से राज अभिषेक ने स्वास्थ्य के अधिकार की मांग को और व्यापक बनाने को लेकर अपनी बातें रखी। बातचीत में पब्लिक हेल्थ सिस्टम को दुरुस्त करने और गांव-गांव तक सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं पहुँचाने की भी मांग रखी।
इस संस्था ने अगले 3 सप्ताह में 250 परिवार तथा 2000 की जनसंख्या तक राशन व अन्य सुविधाएं पहुँचाने का लक्ष्य रखा है।
इस मुहिम में बनारस की सामाजिक कार्यकर्ता डॉ साधना उपाध्याय भी शामिल रही।
जनसहयोग से "We Care Tribe" लगातार परिवारों को चिन्हित कर मदद पहुंचाती रहेगी। इस वितरण कार्यक्रम में मुख्य रूप से संस्था के सदस्य मुरारी , शांतनु, रजत और राज शामिल रहे। खदान मजदूर यूनियन से महेंद्र,उर्मिला और डब्लू तथा BHU से राजेश, गौरव, अर्जुन, शिवम और मानस शामिल रहे।
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