समाज और उसकी वास्तविकता का रंगमंच :- प्रीति

समाज

एक रंगमंच है जो समाज द्वारा बनाया गया है , जिसपे चढ़ कर हम और आप अपने औधे और उपलब्धियों का प्रदर्शन करते हैं । हम एक कतार में खड़े हैं अपनी बारी का इन्तेजार करते हुए । नीचे  दर्शकों में बैठे हैं समाज के लोग बजाते हैं तालियाँ आपके  प्रदर्शन पर और बगलवाली सीट पर बैठे व्यक्ति से करते हैं आपकी चुगलियां । 

हमें  नहीं पता कि इस रंगमंच को समाज के किन लोगों स्थापित किया और उसके बाद वे कहाँ विलुप्त हो गए । हमें ये भी नहीं जानते कि वर्तमान समय में इस रंगमंच का संचालक कौन है , ताकि कभी इस रंगमंच के कभी किसी नियम में बदलाव लाना होतो उनसे बात की जाए । वैसे भी लोग इस समाज को बेहतर तरीके से जानने के बजाय अपने अदाकारी से दूसरे कलाकारों को पीछे छोड़ने की होड़ में लगे हैं।

इस रंगमंच पर अदाकारी कर रहे लोगों को लगता है कि दर्शकों में बैठा समाज उनके साथ है पर ये उसका भ्रम है। समाज किसी के साथ नहीं होता । वो तो बस होता है जिसका होना आपको दिखता नहीं बस महसूस होता है । 
इस रंगमंच पर जब व्यक्ति थक हार जाता है तब वो जाता है बैक स्टेज अपने लोगों के पास । कुछ आराम और क़िरदार निभाने में जो छोटे बड़े घाव लगे उनपर प्रेम और साथ का मलहम लगवाने ।

हम अपने दुख अपनो के साथ बाँटते हैं और खुशियाँ समाज के साथ । हम अपनी असफलता अपनो के साथ बाँटते हैं और अपनी सफलता समाज के साथ । हम अपने दुख , अपनी कमियाँ , अपनी कमज़ोरियाँ समाज के साथ नहीं बाँटते क्योंकि हमें समाज की वास्तविकतामालूम है कि किस तरह ये हर वक़्त अपने हाथों में नमक लिये खड़ा है गलि के हर नुक्कड़ पर , हर बाज़ार में व्यक्ति के घावों पर रगड़ने को ।
समाज वास्तविकता में हमें कुछ नहीं देता बस देने का नाटक करता है , और यह नाटक ये इतनी बेहतरीन अदाकारी के साथ करता है कि आप और हम इस बात को सत्य मान लेते हैं  कि आपके पास जो इज्ज़त और शौहरत है वो समाज द्वारा दी गयी है , और आप अपनी बरसों की मेहनत को भूल बस समाज का नाम जपते हैं।
वो चार लोग जो समाज को चलाते हैं , जिन चार लोगों की हम और आप बात करते हैं कि "चार लोग क्या कहेंगे" उनका डर हममें इतना भर गया है कि हम अपनी चार दिन की जिंदगी भी जीने में असमर्थ हैं ।

                         ✍️©-प्रीति

(लेखिका बीएचयू के महिला महाविद्यालय के अंतर्गत स्नातक के वर्तमान छात्र हैं। उसके साथ साथ स्वतंत्र लेखन कर रही हैं )

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